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This Article is From Sep 30, 2023

भरतपुर के चर्चित कुम्हेर कांड में 9 दोषियों को उम्रकैद, 41 आरोपी बरी; 16 लोगों की हुई थी हत्या

Bharatpur Kumher Mass Murder Case: भरतपुर जिले के चर्चित कु्म्हेर कांड में 31 साल का बाद कोर्ट का फैसला आया है. इस मास मर्डर केस में कोर्ट ने 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि 31 आरोपियों को बरी कर दिया. आइए जानते हैं क्या है भरतपुर का चर्चित कुम्हेर कांड.

भरतपुर के चर्चित कुम्हेर कांड में 9 दोषियों को उम्रकैद, 41 आरोपी बरी; 16 लोगों की हुई थी हत्या
भरतपुर जिले के चर्चित कु्म्हेर कांड में दोषी सुनाए गए लोगों को जेल ले जाती पुलिस.

Bharatpur Kumher Mass Murder Case: तारीख 6 जून 1992, दो समाज के बीच विवाद और फिर 16 लोगों की हत्या. इस हिंसा में 44 लोग घायल हुए थे. हत्या इस बेरहमी से हुई थी कि मारे गए 5 लोगों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी. ये कहानी है राजस्थान के भरतपुर जिले के चर्चित कुम्हेर कांड की. आज इस कांड की बात इसलिए क्योंकि इसमें अदालत ने आज फैसला सुनाया है. दरअसल शनिवार को भरतपुर एससी-एसटी कोर्ट ने कुम्हेर कांड में अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मास मर्डर केस में 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. जबकि 31 आरोपियों को रिहा कर दिया. कुम्हेर कांड की जांच सीबीआई ने की थी, एससी-एसटी कोर्ट में मामले की सुनवाई चली.  

मालूम हो कि जिले के कुम्हेर क्षेत्र में 31 साल पहले दो समाजों के बीच में विवाद हुआ था. जिसमें 16 लोगों की मौत और 44 लोग घायल हुए थे. इस मामले में पुलिस की जांच के बाद सीबीआई ने जांच की और जांच के बाद 283 लोगों के बयान लेकर 83 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था.

एससी-एसटी कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते हुए 50 लोगों में से नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जबकि 41 लोगों को न्यायालय ने बरी कर दिया है.

16 लोगों की हुई थी मौत, 44 हुए थे घायल
एडवोकेट राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 6 जून 1992 में जिले के कुम्हेर कस्बे में दो समाजों के बीच आपसी कहासुनी को लेकर विवाद हो गया था. यह विवाद इतना बढ़ गया कि इसमें 16 लोगों की मौत और 44 लोग घायल हो गए थे. 16 मृतकों में से 11 की पहचान हो पाई थी बल्कि पांच लोगों की पहचान नहीं हो सकी.

सीबीआई ने 283 लोगों के लिए थे बयान
इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थी, पहली एफआईआर एसआई किशन सिंह और दूसरी एफआईआर एसआई रामकरण ने दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई. जिसमें सीबीआई ने 283 लोगों के बयान लिए थे. 302 व एससी एसटी के साथ विभिन्न धाराओं में 83 लोगो के खिलाफ चालान पेश किया.

यह केस एससी-एसटी कोर्ट में लंबा चलने की वजह से अब तक 32 लोगों की मौत हो गई. एक आरोपी अभी तक फरार है. इस मामले में 31 साल बाद कोर्ट ने न्याय करते हुए कुल बचे 50 में से 9 को आजीवन कारावास और 41 को बरी कर दिया है.

बरी हुए लोगों ने कहा- मेरा नाम जबरदस्ती लिखा गया था
बरी हुए लोगों का कहना है कि कानून पर उनका पूरा भरोसा था, उनका इस मामले में कोई लेना देना नहीं था. इस केस में बरी हुए मोतीलाल ने बताया कि जब यह घटना हुई वह मौके पर नहीं था, लेकिन जान पहचान अच्छी होने के चलते लोगों ने जबरदस्ती नाम लिखवा दिया.

इन 9 दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा
इस मामले में शनिवार को फैसला आया है जिसमें में बरी हुआ हूं. इस फैसले से मैं और मेरा परिवार खुश है.इस मामले में लख्खो, प्रेम सिंह, मानसिंह , राजवीर ,प्रीतम , पारस जैन, चेतन , शिव सिंह , गोपाल को आजीवन कारावास की सजा हुई है. फैसला आने के बाद उम्रकैद की सजा वाले दोषियों को जेल भेज दिया गया.

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