Rajasthan News: अलवर जिला परिषद की बैठक में सोमवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला है. बैठक में भरतपुर सांसद संजना जाटव और कठूमर विधायक रमेश खींची के बीच जमकर बहस देखने को मिली. वहीं, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के मीटिंग में न आने पर संजना जाटव भड़क गईं. उन्होंने कहा कि एसपी-कलेक्टर नहीं हैं तो मीटिंग का क्या फायदा है. उन्हीं के सामने समस्या सुनाएंगे. बैठक में मौजूद अन्य अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए संजना जाटव ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप जनप्रतिनिधियों के फोन न उठाएं.
अगली बर्दाश्त नहीं करूंगी- संजना
भरतपुर सांसद ने आगे कहा कि सरकार आती जाती रहेगी, आप हमेशा अपना कर्म और धर्म याद रखोगे. आप जनता के बीच में हो और हमेशा जनता के बीच में ही रहोगे. इस बार तो हो गया. अगली बार मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी. बैठक में कलेक्टर, एसपी से लेकर सभी अधिकारियों का होना जरूरी है. संजना ने नोटिस जारी करने की बात कहते हुए जब सांसद मीटिंग में हैं तो कलेक्टर और एसपी क्यों नहीं हैं. कलेक्टर-एसपी के सामने सिर्फ एक जिला है. मेरे सामने तीन-तीन जिले हैं. इनके सबके बीच मैं यहां आई हूं.
रमेश खींची बोले- बकबक के अलाव कोई औऱ बात नहीं
इसके अलावा जिला परिषद की बैठक में कुछ दिन पहले पंचायत की मीटिंग में सरपंचों के द्वारा विधायक को एक लाख के नोटों की माला पहनाने के मुद्दे पर संजना जाटव और कठूमर विधायक के बीच बहस देखने को मिली. तीखी बहस के दौरान कठूमर विधायक रमेश खींची ने सांसद संजना जाटव को कहा, "बक-बक करने के अलावा कोई और बात ही नहीं है." मीटिंग खत्म होने के बाहर मीडिया से बातचीत में संजना जाटव ने विधायक रमेश खींची के व्यवहार पर प्रतिक्रिया दी.
'जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरूंगी'
संजना ने कहा कि यह निंदनीय व्यवहार है. मुझ पर आठ विधानसभा और तीन जिले की जिम्मेदारी है. इन लोगों की मानसिकता बहुत ही छोटी सोच की है. जिस तरह से भरी मीटिंग में मुझे बेइज्जत किया गया है, उस तरह से किसी भी जन प्रतिनिधि को बेइज्जत नहीं किया जा सकता है. अधिकारियों द्वारा बात न मानने के सवाल पर संजना ने कहा कि इसके लिए मैं ऊपर पत्र लिखूंगी और जरूरत पड़ी तो मैं सड़क पर भी उतरूंगी.
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