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भीलवाड़ा माइनिंग केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, CBI जांच की मांग खारिज; राजस्थान पुलिस पर जताया भरोसा

सुप्रीम कोर्ट ने भीलवाड़ा माइनिंग केस में राजस्थान सरकार को राहत दी. जिसमें CBI जांच की मांग खारिज कर कोर्ट ने राजस्थान पुलिस की निष्पक्षता पर भरोसा जताया है.

भीलवाड़ा माइनिंग केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, CBI जांच की मांग खारिज; राजस्थान पुलिस पर जताया भरोसा
सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली.

Rajasthan News: राजस्थान के भीलवाड़ा माइनिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग को ठुकरा दिया है. कोर्ट ने राजस्थान पुलिस की जांच पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह मामला राज्य पुलिस ही संभालेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश को भी रद्द कर दिया जिसमें CBI को जांच सौंपने का निर्देश दिया गया था. 

जानें क्या है भीलवाड़ा माइनिंग केस

यह मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाने में दर्ज दो प्राथमिकियों (FIR) से जुड़ा है. शिकायतकर्ता परमेश्वर रामलाल जोशी, जो एक ग्रेनाइट व्यवसायी हैं, ने पूर्व मंत्री रामलाल जाट और अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए. जोशी का कहना है कि उन्हें धमकी दी गई, उनसे वसूली की गई और उनकी माइनिंग लीज पर कब्जा करने की कोशिश की गई. इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब जोशी ने राजस्थान पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और CBI जांच की मांग की.

हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता शामिल थे, उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को गलत ठहराया. हाईकोर्ट ने पहले शिकायतकर्ता को सलाह दी थी कि अगर उन्हें जांच में कोई शिकायत है तो वे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क करें. लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने अपने ही आदेश को बदलते हुए जांच CBI को सौंप दी थी.

आरोपी के रिश्तेदार पुलिस में वरिष्ठ पदों पर

हाईकोर्ट का कहना था कि एक आरोपी के रिश्तेदार पुलिस में वरिष्ठ पदों पर हैं, इसलिए जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती. सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह फैसला लिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट को आपराधिक मामलों में अपने आदेश वापस लेने या बदलने का अधिकार नहीं है, सिवाय छोटी-मोटी

राजस्थान सरकार की दमदार पैरवी

राजस्थान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जोरदार पैरवी की. उन्होंने कहा कि सिर्फ आशंका के आधार पर जांच CBI को नहीं सौंपी जा सकती. ऐसा करना राज्य की जांच प्रणाली को कमजोर करेगा और संविधान में दिए गए संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा. उनकी दलीलों को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी और राजस्थान पुलिस को जांच जारी रखने की अनुमति दी थी.

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