Sanchore: सांचौर जिला खत्म करने के फैसले पर समीक्षा की बात कह चुके बीजेपी नेता ने यू-टर्न ले लिया है. जालौर-सिरोही सीट से पूर्व सांसद देवजी पटेल (Devji Patel) ने बयान दिया है कि सांचौर जिले की जिस दिन नींव रखी गई तब मुहूर्त शायद अच्छा नहीं निकाला गया. देवासी समाज के बेटे का उसी दिन खून हुआ वो कलंक अब मिटाया है. यही नहीं, उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में जिले बनाए. जब जिले बने हैं, उस जिले का नोटिफिकेशन जारी हुआ तो उसके बीच बड़ा गैप था. फिर बाद में रानीवाड़ा और बागोड़ा में बड़े धरना-प्रदर्शन हुए. पूर्ववर्ती सरकार ने जब नए जिले बनाए हैं, उस समय बागोड़ा को रानीवाड़ा से जोड़ा.
तकनीकी पहलुओं को देखे बिना ही गठित कर दिया था जिला
देवजी पटेल का कहना है कि तकनीकी पहलुओं को देखे बिना और लोगों को विश्वास में लिए बिना ही जिले बनाए गए. उन्होंने कहा,"हम आज भी इस विषय पर सरकार से चर्चा कर रहे हैं कि इनकी समीक्षा होनी चाहिए. लेकिन जो तकनीकी कारणों की जो कमी कांग्रेस की सरकार ने रखी, उन कारणों को खत्म करते हुए यह जिले पुनर्जीवित करें. हम आज भी इस विषय पर सरकार से चर्चा कर रहे हैं."
एक शांत और सुंदर जिला बने सांचौर- देवजी पटेल
देवजी पटेल ने कहा, "जिस दिन नींव रखी गई, उसी दिन देवासी समाज के एक बेटे का खून हुआ. उसके लहू की नदियां सांचौर की जमीन पर गिरी थीं, उस कलंक को अब मिटा दिया गया. आज हम चाहते हैं कि सांचौर वापस जिला वापस जिला बने. लेकिन एक शांत और सुंदर जिला बने, जिसकी लोगों ने कल्पना की है."
पहले समीक्षा के लिए लिखा था पत्र
इससे पहले बीजेपी नेता ने सांचौर जिले को यथावत रखने की मांग की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि इस फैसले से लोगों को परेशानी होगी, ऐसे में इसकी समीक्षा की जानी चाहिए क्योंकि जालौर जिला मुख्यालय से दूरी के कारण लोगों को परेशानी होती है. उन्होंने मांग की थी कि जिला खत्म करने के फैसले की पुनः समीक्षा होने तक प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एडीएम कार्यालय खोला जाए.
देवजी पटेल का कहना था कि सांचौर जिला बनने से प्रशासनिक व्यवस्थाओं में काफी हद तक सुधार हुआ था, क्योंकि बॉर्डर एरिया होने से अवैध मादक पदार्थों की बिक्री हो रही थी और दिनदहाड़े चोरी, लूट और हत्या की वारदात आम थी. आमजन में भय व्याप्त था, जिस पर कुछ हद तक अंकुश लगा था. उन्होंने बताया कि जालोर जिला मुख्यालय से अंतिम छोर के गांव की दूरी करीबन 240 किमी है.
ये भी पढ़ें-: