Barmer News: बाड़मेर जिले के चौहटन इलाके के लीलसर गांव में एक साथ 10 हिरणों के शिकार प्रकरण में 2 दिन से जारी धरना मंगलवार देर रात समाप्त हो गया है. पुलिस जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मंगलवार रात धरना स्थल पर ग्रामीणों से बातचीत की. साथ ही 7 दिन में हिरण शिकार प्रकरण में फरार बाकी आरोपियों और हिरण मांस खरीददारों के गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया है.
आपको बता दें की हिरण शिकार प्रकरण में पुलिस और वन विभाग की टीमों ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और 3-4 आरोपियों को कार्रवाई ही भनक लगते ही फरार हो गए. जिनकी तलाश में टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.
एक हिरण के शिकार पर 500 रुपए देता था सरगना
कार्रवाई के बारे में बाड़मेर डीएफओ सविता दहिया ने बताया कि हिरण शिकार की वारदात में शामिल कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सामने आया कि आरोपियों शिकार करने की तीन अलग-अलग की गैंग बना रखी हैं. जिसके माध्यम से रात में हिरणों का शिकार करते है. गैंग का सरगना सदस्यों को एक हिरण के शिकार का 500 रुपए देता है.
मांगता ग्रेनाइट माइंस में भी होती थी सप्लाई
डीएफओ ने आगे बताया कि पूछताछ में हिरण का मांस मांगता में ग्रेनाइट माइंस खनन क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों को 200 रुपए में बेचने की जानकारी निकलकर सामने आ रही हैं. हालांकि टीम की कार्रवाई की जानकारी मिलने के बाद 3-4 आरोपी फरार हो गए हैं. पुलिस और वन विभाग की टीम आरोपियों को पकड़ने के प्रयास कर रही है.
यह भी पढ़ें - 'मेरा घर दे दो वरना में 15 अगस्त को आत्मदाह कर लूंगा' बूंदी में जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठा बुजुर्ग