Rajasthan News: भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह 1993 के सिलसिलेवार विस्फोट मामले में अब्दुल करीम टुंडा को बरी करने (Acquittal of Abdul Kareem Tunda) के फैसले को चुनौती देने के लिए सीबीआई (CBI) से अपील दायर करने को कहे. तिवारी ने कहा, 'मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई थी और यह उनके वकील थे, जिन्होंने मामले की सुनवाई के दौरान एजेंसी के लिए बहस की थी. राजस्थान सरकार का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, न्याय के हित में, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आज केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह सीबीआई को मामले में अपील दायर करने के लिए कहे.'
आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम (टाडा) अदालत ने गुरुवार को सबूतों की कमी का हवाला देते हुए 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया. टुंडा के वकील शफकत सुल्तानी ने कहा कि सीबीआई टुंडा के खिलाफ कोई भी पुख्ता सबूत पेश करने में नाकाम रही.
वकील सुल्तानी ने कहा कि, अदालत ने आज अपने फैसले में कहा, "अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है. उसे सभी धाराओं से बरी कर दिया गया है. सीबीआई के अभियोजक टाडा, आईपीसी, रेलवे अधिनियम, शस्त्र अधिनियम या विस्फोटक मामले में अदालत के समक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके."
भाजपा ने इससे पहले 2008 जयपुर सिलसिलेवार विस्फोट मामले में आरोपियों के बरी होने के बाद कांग्रेस पर 'तुष्टीकरण' का आरोप लगाया था. 13 मई, 2008 को जयपुर बम विस्फोटों में 80 से अधिक लोग मारे गए और 183 से अधिक घायल हो गए. उस दिन शहर में आठ विस्फोट हुए, जिससे पूरे देश में सदमे की लहर दौड़ गई.
सीबीआई ने टुंडा पर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर चार ट्रेनों में हुए विस्फोटों का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया था. वकील ने कहा, "हम शुरू से ही कह रहे थे कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है. इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहराया गया है और जल्द ही सजा सुनाई जाएगी."
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