
Rajasthan News: राजस्थान के राजनीतिक पार्टियों के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने शुक्रवार को बैठक की. बैठक में नवीन महाजन ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने देश में चुनाव प्रक्रिया को मौजूदा संवैधानिक ढ़ांचे की सीमाओं में प्रचलित प्रावधानों और कानूनों के तहत अधिक व्यवस्थित, मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए कवायद शुरू की है. इस क्रम में चुनावी प्रक्रिया के महत्वपूर्ण हितधारक राजनीतिक दलों से रचनात्मक सुधार के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं.
महाजन शुक्रवार को शासन सचिवालय में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ राज्य-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देश पर राज्य भर में विधानसभा क्षेत्र और जिला स्तर पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जा चुकी हैं. इस बैठकों में प्राप्त सभी स्तर के सुझावों को आयोग को भेजा जाएगा, जिस पर सकारात्मक कार्यवाही की जा सकेगी.
स्थानीय बैठकों में 1,100 से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधि शामिल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि निर्वाचन आयोग के अनुसार निर्वाचन विभाग ने प्रदेश भर में स्थानीय स्तर पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श का दौर पूरा कर लिया है. इस क्रम में, 20 मार्च तक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) की अध्यक्षता में सभी विधानसभा क्षेत्रों के स्तर पर बैठकें आयोजित हुई हैं, जिनमें राजनीतिक दलों के कुल 921 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इसी प्रकार, सभी 33 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) के स्तर 25 मार्च बैठकें हुईं, जिनमें 182 राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की. उन्होंने बताया कि इन बैठकों में महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं.
बीएलए की सक्रिय भूमिका महत्वपूर्ण
महाजन ने सभी दलों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे मतदान केंद्र के स्तर तक सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपने-अपने दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नामित करें और उनकी सूचियां सम्बंधित चुनाव अधिकारियों को उपलब्ध करवाएं. उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति चुनाव के समय मतदान और मतगणना के अतिरिक्त हर समय स्थानीय चुनाव अधिकारी (बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के साथ समन्वय पर मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन करने आदि कार्यों में महत्वपूर्ण एवं सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बैठकों में विचार-विमर्श के दौरान मतदाता पहचान-पत्र को आधार कार्ड से लिंक करने, बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को निर्वाचन विभाग के माध्यम प्रशिक्षित करवाने, घुमंतू परिवारों के सदस्यों के नाम मतदाता के रूप में रजिस्टर करने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने, मतदाता सूचियों की रंगीन प्रतियां उपलब्ध करवाने और 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवाओं के नाम मतदाता सूचियों में शामिल करने के लिए आधार पहचान-पत्र का डाटा फेच करने जैसे सुझाव प्राप्त हुए हैं.
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