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Rajasthan CM: 43 साल बाद पूर्वी राजस्थान से बना मुख्यमंत्री, 1980 में CM बने थे जगन्नाथ पहाड़िया, समझें सियासी मायने

Bhajan Lal Sharma:पूर्वी राजस्थान का झुकाव ऐतिहासिक तौर पर कांग्रेस की तरफ रहा है. दौसा, सवाई माधोपुर और टोंक जिलों में कांग्रेस भाजपा से आगे दिखती है. ऐसे में भाजपा का पूर्वी राजस्थान को प्रदेश में शीर्ष नेतृत्व में प्रतिनिधित्व देना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 

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Rajasthan CM: 43 साल बाद पूर्वी राजस्थान से बना मुख्यमंत्री, 1980 में CM बने थे जगन्नाथ पहाड़िया, समझें सियासी मायने
भूतपूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया और CM भजन लाल. दोनों पूर्वी राजस्थान के रहने वाले हैं.

Rajasthan CM: भजनलाल शर्मा ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. वो राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री हैं. उनके साथ दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने भी शपथ ली हैं. उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है. CM भजन भरतपुर के रहने वाले हैं, वे पूर्वी राजस्थान से मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे नेता हैं. इससे पहले पूर्वी राजस्थान से एक बार 1980 में जगन्नाथ पहाड़िया मुख्यमंत्री बने थे. वो भरतपुर की वैर विधानसभा से चुनाव विधायक बने. पहाड़िया राजस्थान के 9वें मुख्यमंत्री रहे. बाद में वो बिहार और हरियाणा के राज्यपाल बने. 

राजस्थान में अक्सर मुख्यमंत्री मारवाड़, मेवाड़ और शेखावाटी इलाकों से रहे हैं, लेकिन पूर्वी राजस्थान से सिर्फ मुख्यमंत्री हुए है. हर चुनाव में पूर्वी राजस्थान की अहमियत हमेशा बढ़ जाती है.

पूर्वी राजस्थान में आठ जिले अलवर, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक आते हैं और यहां इस बार भाजपा ने  कुल 42 में से 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कहते में सिर्फ 6 सीटें गई थीं. जबकि कांग्रेस की सीट इस विधानसभा चुनाव में सीटें 29 से घटकर 19 रह गईं वहीं साल 2018 में कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान में 42 में से 29 सीट जीती थीं. 

पूर्वी राजस्थान का झुकाव ऐतिहासिक तौर पर कांग्रेस की तरफ रहा है. दौसा, सवाई माधोपुर और टोंक जिलों में कांग्रेस भाजपा से आगे दिखती है. ऐसे में भाजपा का पूर्वी राजस्थान को प्रदेश में शीर्ष नेतृत्व में प्रतिनिधित्व देना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 

पूर्वी राजस्थान के बड़े मुद्दों में से एक पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ERCP) है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को चुनाव में खूब उठाया . कांग्रेस का आरोप था कि भाजपा की केंद्र सरकार (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर रही है. इस परियोजना से लाभान्वित होने वाले 13 जिले हैं झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर इनमें से 8 जिले कोर पूर्वी राजस्थान के हैं. 

ऐसे में भाजपा के पास अब ( ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का दबाव बढ़ेगा क्यूंकि अब प्रदेश में भी उनकी सत्ता है. 

यह भी पढ़ें- राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा, दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा बने डिप्टी सीएम, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

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