राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने संजीवनी घोटाले को लेकर मानहानि का केस दर्ज कराया था. इसको लेकर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है. सीएम गहलोत को कोर्ट ने 7 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के परिवार के सदस्यों के शामिल होने का आरोप लगाया था. जिसके बाद शेखावत ने अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने संजीवनी घोटाले को लेकर सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया हुआ था. गहलोत ने गजेन्द्र सिंह शेखावत के माता-पिता और पत्नी समेत अन्य सदस्यों पर संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था. गहलोत के इस बयान के बाद शेखावत ने आपराधिक मामला दर्ज करवाया था.
आपको बता दें कि दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला पहले से ही सुरक्षित रख लिया था. अशोक गहलोत को समन जारी करना है या नहीं, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है, जैसे गहलोत ने शेखावत के सम्मान को नुकसान पहुंचाने के लिए अपमानजनक आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने कहा कि अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए और अलग-अलग सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से मानहारिकारक बयान दिए. ऐसा प्रतीत होता है कि अशोक गहलोत के वीडियो और ट्वीट गजेन्द्र सिंह शेखावत की छवि खराब करने के लिए दुर्भावनापूर्ण इरादे से शेयर किए गए.