![होली पर गिरिराज महाराज की परिक्रमा करने पहुंची सीएम भजनलाल की पत्नी गीता शर्मा, मांगी मिशन 25 की सफलता होली पर गिरिराज महाराज की परिक्रमा करने पहुंची सीएम भजनलाल की पत्नी गीता शर्मा, मांगी मिशन 25 की सफलता](https://c.ndtvimg.com/2024-03/ec6lojh_geeta-sharma_625x300_24_March_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के बीच होली का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है. लोकसभा चुनाव होने की वजह से इस बार नेता और उम्मीदवार होली का त्योहार जनता के बीच जाकर सेलिब्रेट कर रहे हैं. वहीं होली पर सभी अपनी जीत की कामना कर रहे हैं. सीएम भजनलाल शर्मा होली के मौके पर भी जनता से जुड़ रहे हैं और लोगों से संपर्क साध रहे हैं. इस बीच सीएम भजनलाल की पत्नी गीता शर्मा गिरिराज महाराज की परिक्रमा करने पहुंची. हालांकि उन्होंने अपने पति की सफलता और राजस्थान में मिशन 25 की सफलता की दुआ मांगी है.
होली के त्योहार पर गिरिराज तलहटी में भक्तों का सैलाब उमर रहा है. चारो तरफ गिरिराज धरण के जयकारे गूंज रहे हैं. हर कोई होली की मस्ती में डूबा हुआ नजर आ रहा है.श्रद्धालुओं के रंग-बिरंगे चेहरे और गजब का उत्साह मानो ऐसा लग रहा है. जैसे देवता भी ब्रज की होली खेल रहे हो.
विधानसभा चुनाव के लिए मांगी मन्नत हुई थी पूरी
होली के इसी उत्साह के बीच राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा की धर्मपत्नी गीता शर्मा भी होली पर्व पर परिवार के सदस्यों के साथ गिरिराज महाराज की परिक्रमा करने पहुंची.उन्होंने परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं से होली की रामा श्यामा कर गिरिराज महाराज से देश और प्रदेश वासियों के लिए अमन चैन और खुशहाली की प्रार्थना की.सीएम भरनलाल शर्मा भी गिरिराज महाराज के बड़े भक्त हैं. विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने परिवार सहित गिरिराज महाराज की दंडवत परिक्रमा करने की मन्नत मांगी थी. सीएम बनने के बाद उनकी पत्नी और बेटे ने मिलकर गिर्राज महाराज की दंडवत परिक्रमा की थी.
सीएम की पत्नी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि राजस्थान में भाजपा 25 में से 25 सीटो पर विजय हासिल करेगी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400 पार का संकल्प पूरा होगा.
होती है 21 किलोमीटर की परिक्रमा
गोवर्धन पर्वत का धार्मिक महत्व है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि इसकी परिक्रमा करने से मांगी गई सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. यह आस्था का अनोखा मिसाल है. इसीलिए तिल-तिल घटते इस पहाड़ की लोग लोट-लोट कर परिक्रमा पूरी करते हैं. हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को लेकर यहां आते हैं और 21 किलोमीटर के परिक्रमा लगाते हैं. श्रद्धाभाव का आलम यह है कि लोग सर्दी, गर्मी और बरसात की परवाह किए बिना ही 365 दिन यहां श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं.