
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पुराने और जर्जर सरकारी भवनों को ठीक करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत तुरंत शुरू करें ताकि किसी दुर्घटना को रोका जा सके. साथ ही अब ऐसी किसी घटना में जनहानि होने पर जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से तय की जाएगी.
जर्जर भवनों की मरम्मत का आदेश
मुख्यमंत्री ने बुधवार को जयपुर में अपने निवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की. इसमें उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि पुराने और कमजोर भवनों की तुरंत जांच करें और उनकी जिलेवार सूची तैयार करें. मरम्मत के लिए आपदा प्रबंधन कोष से बजट लिया जाए और समय पर काम शुरू हो. खासकर ग्रामीण इलाकों में बने भवनों की मरम्मत और रखरखाव पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से भी अपील की कि वे जर्जर भवनों की जानकारी तुरंत अधिकारियों तक पहुंचाएं.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत को प्राथमिकता देने को कहा. उन्होंने बताया कि बजट 2025-26 में 5 हजार आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये रखे गए हैं. जिन आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खराब थी उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है. साथ ही इनका नियमित निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
स्कूल और अस्पतालों की जांच
शर्मा ने शिक्षा, चिकित्सा, महिला और बाल विकास और पंचायतीराज विभागों को आदेश दिया कि स्कूल, अस्पताल और अन्य सरकारी भवनों का तुरंत निरीक्षण करें. इनकी जिलेवार रिपोर्ट तैयार कर मरम्मत का काम जल्द शुरू किया जाए.
6 साल पुराने भवनों की गुणवत्ता जांच
मुख्यमंत्री ने पिछले 6 साल में बने सरकारी भवनों की गुणवत्ता जांच के लिए एक विशेष राज्य स्तरीय कमेटी बनाने का ऐलान किया. यह कमेटी स्कूलों, आंगनबाड़ियों और अन्य भवनों की निर्माण गुणवत्ता की जांच करेगी. बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत और कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
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