Rajasthan News: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस (Congress) अब सत्ता की कुर्सी छोड़ विपक्ष में आ गई है. प्रदेश में भाजपा (BJP) ने भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) के नेतृत्व में नई लीडरशिप खड़ी की है. ऐसे में विपक्ष के तौर पर कांग्रेस अब तक अपना नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) नहीं चुन पाई है. इसको लेकर दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के बीच बैठक भी हो चुकी है, लेकिन कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाने के चलते फैसला अभी नहीं किया गया.
गहलोत-पायलट की खींचतान वजह?
भाजपा के पास जहां 115 विधायक हैं तो कांग्रेस के पास अब 70 विधायक हैं. ऐसे में इस बार विधानसभा में हंगामेदार बहस देखने को मिल सकती है. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आ गए थे, जहां भाजपा ने बहुमत हासिल करते हुए प्रदेश में नई सरकार बनाई और अब वर्तमान में 23 विधायकों को मंत्री भी बना दिया गया है. मुख्यमंत्री सहित 24 विधायक मंत्रिमंडल में शामिल हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है कि विधानसभा में किसी तेज दरार नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जाए,. इसे लेकर अलग-अलग कयास भी लगाए जा रहे हैं. वहीं इस मामले में हो रही देरी का कारण पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान भी मानी जा रही है.
गहलोत या पायलट होंगे नेता प्रतिपक्ष?
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिलहाल दिल्ली की केंद्रीय समितियां में शामिल हैं जो कि लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. ऐसे में यह साफ है कि अशोक गहलोत नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नहीं होंगे. वहीं सचिन पायलट के करीबियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट भी नेता प्रतिपक्ष के पद पर नहीं आना चाहते. फिलहाल सचिन पायलट को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में समय नहीं दे पाएंगे.
दौड़ में इन नेताओं का नाम शामिल
- नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सबसे आगे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम सामने आता है. डोटासरा चार बार के विधायक हैं और लंबे समय से पीसीसी चीफ के पद पर कार्य कर रहे हैं. डोटासरा की गिनती बड़े नेताओं में होती है. वहीं वे जाट समुदाय से आते हैं. इसी के चलते डोटासरा इस दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं.
- नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में दूसरा बड़ा नाम महेंद्रजीत सिंह मालवीय का आ रहा है. महेंद्रजीत सिंह मालवीय बागी डोरा विधानसभा से विधायक हैं. पूर्व में सांसद व मंत्री भी रहे हैं और एससी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. महेंद्रजीत सिंह मालवीय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर कांग्रेस एससी कार्ड खेल सकती है. साथ ही जिस इलाके से भी आते हैं वह आदिवासी बाहुल्य इलाका है और इससे कांग्रेस सियासी संदेश दे सकती है.
- इस दौड़ में हरीश चौधरी का भी नाम तेजी से चल रहा है. हरीश चौधरी बाड़मेर से सांसद भी रहे हैं और फिलहाल बायतू विधानसभा से विधायक हैं. कांग्रेस का जाट चेहरा है. पश्चिमी राजस्थान की राजनीति को साधने के लिए हरीश चौधरी पर दाव खेला जा सकता है. लेकिन यदि किसी जाट नेता को प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो प्रदेश अध्यक्ष पद पर जाट चेहरा नहीं होगा. लोकसभा चुनाव नजदीक हैं. कांग्रेस फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव करने की स्थिति में नहीं है. इससे साफ है कि नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में हरीश चौधरी की संभावनाएं कम नजर आ रही है.
गौरतलब है कि 16वीं विधानसभा की कार्यवाही 19 जनवरी से शुरू होने जा रही है जिससे पहले कांग्रेस को अपना नेता प्रतिपक्ष चुनना है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा बहुत जल्द नेता प्रतिपक्ष को चुन लिया जाएगा.
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