
Rajasthan: अजमेर में तारागढ़ पहाड़ियों पर बसे अंदर कोर्ट इलाके में प्रशासन ने 250 अवैध कब्जे को हटाया. वन विभाग की जमीन पर कब्जा किए थे. शुक्रवार सुबह जिला प्रशासन, पुलिस, वन विभाग और अन्य एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई शुरू की. बांग्लादेशी और अवैध रूप से रह रहे लोगों को चिन्हित कर डिटेन किया गया है. प्रशासन के अनुसार, करीब 250 अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है, जिनमें से कुछ अतिक्रमियों ने हाई कोर्ट से राहत पाने के प्रयास में पुराने दस्तावेज, बिजली-पानी के कनेक्शन और पुश्तैनी जमीन का हवाला दिया था, लेकिन जांच में 250 लोगों के कब्जे अवैध पाए गए.
खुफिया एजेंसियों ने की पहचान
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद बाद वन विभाग, अजमेर पुलिस, जिला प्रशासन और खुफिया एजेंसियों ने क्षेत्र में सर्वे कर अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान शुरू की थी. बीते एक महीने से चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की तैयारी चल रही थी, जो शुक्रवार सुबह 6 बजे बड़े पैमाने पर अमल में लाई गई.
मीडिया और आमजन की लगाई रोक
कार्रवाई के दौरान मीडिया और आमजन को मौके पर जाने से पूरी तरह रोका गया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि अब तक 50 से अधिक बांग्लादेशियों को चिन्हित कर डिटेन किया गया है. यह इलाका पूर्व में भी मादक पदार्थ तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों का गढ़ रहा है, जहां एनडीपीएस एक्ट के तहत कई बार कार्रवाइयां हो चुकी हैं.
अकबर हुसैन के 1300 बीघे पर नहीं होगा एक्शन
अजमेर के तारागढ़ क्षेत्र में अकबर हुसैन का करीब 1300 बीघा जमीन है. जिस पर कोर्ट का स्टे है. अकबर हुसैन का दावा है कि जिस भूमि पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है, वहां उनके पूर्वजों की पुश्तैनी जमीन है. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में आज भी उनके आम के बाग-बगीचे, कब्रिस्तान, दरगाह, चबूतरे और परंपरागत नाडा मौजूद हैं, जिनका वर्षों से उपयोग और उपभोग हो रहा है. अकबर हुसैन ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें मौखिक आश्वासन दिया है कि जिस भूमि पर कोर्ट का स्टे लागू है, वहां किसी प्रकार की तोड़फोड़ या अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जाएगी.
पुश्तैनी धरोहरों को नुकसान नहीं पहुंचाएं
अकबर हुसैन ने कहा कि उनके पूर्वजों के नाम पर इस जमीन पर बिजली के कनेक्शन भी पूर्व में स्वीकृत किए गए हैं, जो आज भी सक्रिय हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन बिना दस्तावेजी जांच के अंधाधुंध कार्रवाई कर रहा है, जबकि कोर्ट से उनके पक्ष में स्टे ऑर्डर जारी हो चुका है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि संवेदनशीलता बरतते हुए कानूनी प्रक्रिया का सम्मान किया जाए और पुश्तैनी धरोहरों को नुकसान ना पहुंचाया जाए.
शाम तक वन विभाग को सौंपेंगे जमीन
तहसीलदार ओमप्रकाश लखावत ने बताया कि आज शाम तक पूरे क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कर वन विभाग को सौंप दिया जाएगा. प्रशासन की ओर से वन भूमि को सुरक्षित रखने के लिए स्थायी निगरानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी. यह कार्रवाई अजमेर में अवैध कब्जों और अवैध घुसपैठ के खिलाफ चल रहे अभियान की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
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