
Rajasthan News: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए जिला कांग्रेस कमेटियों के पुनर्गठन का निर्णय लिया है. पीसीसी की कार्यकारिणी बैठक में पारित प्रस्ताव के तहत अब प्रदेश में कुल 50 जिला कांग्रेस कमेटियों का गठन किया जाएगा. इस प्रस्ताव को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अप्रूव कर दिया है. राजस्थान पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार दोपहर एक्स पर इस निर्णय की जानकारी साझा की है.
यह विस्तार प्रदेश में संगठन को जमीनी स्तर पर अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाने की दिशा में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे जिला स्तर पर नेतृत्व को अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा और पार्टी की पकड़ ग्रामीण व शहरी इलाकों में मजबूत होगी. इस कदम को आगामी निकाय और पंचायत चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस की रणनीतिक तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है.
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में जिला कांग्रेस कमेटियों का विस्तार एवं पुनर्गठन कर कुल 50 ज़िला कांग्रेस कमेटी बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसका आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री @kharge जी ने अनुमोदन कर दिया। अब राजस्थान में 50 ज़िला… pic.twitter.com/y1DCvY6qqv
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) April 5, 2025
तीन चरणों में हुई बैठक के बाद फैसला
बताते चलें कि कांग्रेस ने जिला स्तर पर अपने संगठन को सशक्त करने के लिए जिला कांग्रेस समिति अध्यक्षों की बैठक का तीसरा और अंतिम चरण शुक्रवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में संपन्न किया. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल सहित वरिष्ठ नेताओं ने जिला अध्यक्षों के सुझावों पर मंथन किया. बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना, मतदाता सूची सत्यापन को बेहतर करना और कार्यप्रणाली में सुधार लाना रहा. तीन चरणों में कुल 862 जिला अध्यक्षों ने हिस्सा लिया.
जिला अध्यक्षों के काम का होगा आंकलन
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, 'इस बैठक में मीडिया और सोशल मीडिया विभाग के साथ कुल छह प्रस्तुतियां हुईं. हमारे नेतृत्व ने एक बात पर बहुत जोर दिया कि जिला कांग्रेस कमेटी की शक्तियां और जिम्मेदारियां बढ़ने जा रही हैं. वहीं, अब उनका कामकाज आंका भी जाएगा. उनके कामकाज को आंकते वक्त ये भी देखा जाएगा कि पंचायत स्तरीय चुनाव से लेकर लोकसभा के चुनाव तक उनके क्षेत्र में वोटिंग कितने प्रतिशत बढ़ी या घटी. इसी के आधार पर जिला अध्यक्ष का पार्टी में आगे का कार्य तय किया जाएगा.
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