
Rajasthan News: राजस्थान की 'ब्लू सिटी' जोधपुर में शनिवार को NDTV के इमर्जिंग बिजनेस कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ, जिसमें कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं. इस दौरान एनडीटीवी राजस्थान की रेजिडेंट एडिटर हर्षा कुमारी सिंह ने राजस्थान के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी को 'दादी' कहने पर हुए विरोध पर प्रतिक्रिया दी.
विधानसभा में इंदिरा गांधी को कहा था 'दादी'
मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया, 'वर्किंग वूमेन हॉस्टल के नाम से सरकार की एक स्कीम थी. इसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इंदिरा गांधी के नाम पर चलाई थी, लेकिन घोषणा करने के बाद उस पर कोई काम नहीं किया था. ऐसे में बीजेपी सरकार बनने के बाद सीएम भजनलाल शर्मा ने इस योजना को शुरू किया. इसके लिए 35 करोड़ रुपये का बजट तय किया. जब केंद्र से इसके योजना के लिए पैसा मांगा गया तो वहां से 65 करोड़ रुपये का बजट मिल गया. इसी योजना के बारे में जब मैं विधानसभा में जवाब दे रहा था (21 फरवरी) तो मैंने इतना ही कहा था कि इंदिरा गांधी आपकी दादी है. हिंदू संस्कृति में दादी, नानी और मामी सम्मानजनक शब्द हैं.'
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— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) July 19, 2025
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'सोनिया मां हो सकती हैं तो इंदिरा दादी क्यों नहीं'
अविनाश गहलोत ने बताया, 'यूपीए सरकार के समय, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह कहा था कि सोनिया गांधी सिर्फ राहुल गांधी की मां नहीं हैं, वो इस देश और कांग्रेस की मां भी हैं. इसीलिए मैंने कहा कि जब सोनिया गांधी कांग्रेस की मां हो सकती हैं तो इंदिरा गांधी दादी क्यों नहीं हो सकती? दादी एक सम्मानजनक शब्द है. इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रही हैं. इसे व्यक्तिगत लेने की बजाय उन्हें तो उल्टा मेरा धन्यवाद करना चाहिए कि मैंने उनका सम्मान किया है. लेकिन उन्हें प्रदेशभर में इंदिरा गांधी का दादी कहने का विरोध किया. मगर, जनता उनके साथ नहीं जुड़ी थी. सबको पता था कि ये व्यक्तिगत मुद्दा था. तब कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी. उनको विधानसभा के फ्लोर पर माफी मांगनी पड़ी थी, अपने उस कृत्य के लिए जो कभी भी संविधान के दायरे में नहीं हो सकता है.'
कांग्रेस नेताओं ने पूरी रात सदन में दिया था धरना
बताते चलें कि मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा इंदिरा गांधी को दादी कहने के बाद काफी विवाद हुआ था. इस बयान पर कांग्रेस विधायक आक्रोशित हो गए थे और वेल में आकर जोरदार नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया था. कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा विधानसभा सचिव की टेबल तक पहुंच गए और मंत्री से माफी की मांग करने लगे थे. उस वक्त मार्शल्स और कांग्रेस विधायक आमने सामने हो गए थे और बढ़ते हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी थी. विरोध में कांग्रेस नेताओं ने पूरी रात विधानसभा में धरना दिया था. कुछ दिन बाद दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर इस मसले को सुलझाया था.
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