Bundi Constable Abhishek Murder Case: साली-जीजा का रिश्ता मधुर प्यार और मजाक का होता है. लेकिन जब इस रिश्ते में अवैध संबंध बनने लग जाए तो मामला परिवार टूटने तक पहुंच जाता है. राजस्थान के बूंदी जिले में ऐसा ही कुछ हुआ. लेकिन इस मामले का अंत इतना दुखद होगा ये किसी ने नहीं सोचा होगा. जीजा की हत्या 6 साल पहले हो गई. अब इस हत्या के आरोप में साली को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. दरअसल यह कहानी बूंदी के बहुचर्चित पुलिस कमांडो अभिषेक शर्मा हत्याकांड से जुड़ा है. जिसमें गुरुवार को पोक्सो कोर्ट क्रम संख्या 2 ने अहम फैसला देते हुए मुख्य आरोपी श्यामा जोशी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही श्याम को 1 लाख 8 हजार रुपये के आर्थिक दंड भी दिया.
बूंदी के कांस्टेबल की सवाई माधोपुर में की गई थी हत्या
मामले का सह आरोपी नावेद की पॉक्सो कोर्ट कोर्ट क्रम 1 में वर्तमान में ट्रायल चल रही है. उल्लेखनीय हो कि करीब 6 वर्ष पूर्व वर्ष 2019 में पुलिस कमांडो अभिषेक शर्मा की सवाई माधोपुर के बोली गांव के एक खंडहर में श्यामा जोशी और उसके प्रेमी नावेद ने बुलाकर हत्या कर शव
को दफन कर दिया था.
पुलिस को 110 दिन बाद मिला था कमांडो का शव
बूंदी पुलिस को करीब 110 दिन बाद कमांडो का शव बरामद हुआ था. इस मामले में गुरुवार को न्यायालय ने मुख्य आरोपी श्यामा जोशी को आजीवन कारावास और 1 लाख 8 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है. आरोपी युवती को कोर्ट ने सजा सुनाई तो मीडिया के सामने आरोपी अपना मुंह छूपाती हुई नजर आई.
28 अगस्त को ड्यूटी के लिए निकला कांस्टेबल हो गया था लापता
विशिष्ट लोक अभियोजक पोक्सो क्रम 2 निशांत सोनी ने बताया कि बूंदी शहर के बीबनवा रोड निवासी कांस्टेबल अभिषेक शर्मा 28 अगस्त की शाम वह घर से पुलिस लाइन ड्यूटी पर जाने के लिए निकला था, पर न ड्यूटी पर पहुंचा, न घर लौटा. परिवार ने तलाशने के बाद 5 सितंबर को कोतवाली में अभिषेक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी.
अभिषेक के परिजनों ने साली श्यामा पर लगाया आरोप
उस समय रिपोर्ट में अभिषेक के ससुराल पक्ष व उसकी प्रेमिका श्यामा शर्मा पर अभिषेक को गायब करने का संदेह जताया गया था. श्यामा शर्मा अभिषेक की पत्नी की बुआ की बेटी है. पुलिस जांच में अभिषेक के बौंली की श्यामा शर्मा के साथ करीबी संबंधों की बात पुख्ता हो गई थी. पुलिस ने युवती से पूछताछ की तो उसने साथी नावेद के साथ मिलकर अभिषेक की हत्या की बात कबूल कर ली थी.
35 गवाह और 105 सबूत किए गए पेश
गुरुवार को न्यायालय पोक्सो क्रम संख्या 02 के न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने निर्णय सुनाते हुए अभियुक्ता श्यामा शर्मा पुत्री स्वर्गीय राजेंद्र शर्मा निवासी बोली जिला सवाई माधोपुर को मृतक अभिषेक के मर्डर की आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा एवं 1 लाख 8 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. उक्त प्रकरण में विशिष्ट लोक अभियोजक निशांत कुमार सोनी के द्वारा पैरवी करते हुए 35 गवाह एवं 105 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये.
ऐसे सुलझी थी हत्या की गुत्थी
बूंदी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए श्यामा और नावेद को लेकर तीन वाहनों में सवार होकर मौके पर पहुंच गई थी. पुलिस ने रातोंरात ही मौके पर जाकर दोनों से शव की निशानदेही ली और शव की मौजूदगी पक्की करने के बाद सुबह शव निकलवाना तय किया. जब शव निकाला तो वह करीब 110 दिन पुराना प्रतीत हुआ जो सड़-गल चुका था. एफएसएल टीम ने वहां से सबूत जुटाए. पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो हत्या का राज खुला. मामला प्रेम संबंध से जुड़ा सामने आया था.
युवती के घर के पीछे पहाड़ की तलहटी में मिला था शव
इस वारदात में मृतक के कपड़े तीन माह पहले बौंली के खारीला बांध में मिले थे. शव बरामदगी के बाद पुलिस ने बांध के पास ही स्थित एक कुएं से मृतक की मोटरसाइकिल बरामद कर ली थी. हत्यारों ने वारदात के बाद मोटरसाइकिल को वहां से हटा दिया था और किसी को पता नहीं चले, इसके लिए उसे घटना स्थल से दूर एक कुएं में डाल दिया गया था. इसी मोटरसाइकिल से मृतक अभिषक बौंली पहुंचा था. गौरतलब है कि पुलिसकर्मी का शव हत्या की वारदात में शामिल युवती के घर के पीछे पहाड़ की तलहटी में मौजूद एक पुराने महल के खंडहर से बरामद किया है.
पत्नी पीहर में और उधर प्रेमी-प्रेमिका का होता था मिलन
पूरे घटनाक्रम में पुलिस के सामने यह बात मुख्य रूप से सामने आई कि आखिर इन जीजा साली के बीच संपर्क कहां से हुआ? जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले बौंली निवासी उक्त लड़की अपनी मामा की बेटी (ममेरी बहन) के ससुराल में रहने के लिए बूंदी आई थी. वहां पर आने के कुछ समय बाद ही युवती एवं उसकी बहन के पति अभिषेक के बीच नजदीकियां बढ गई. पत्नी को शक होने पर वह अपनी इस बहन (बुआ की लड़की) को लेकर वहां से अपने पीहर के लिए रवाना हो गई थी.
बाद में बहन को उसके भाई के साथ बौंली भेज दिया. विवाद ज्यादा होने पर पत्नी ने पति एवं उसके परिजनों के खिलाफ सवाई माधोपुर महिला थाने में भी परिवाद दे दिया था. बाद में मामला शांत हो गया, लेकिन पति-पत्नी के बीच संबंध सामान्य नहीं हो पाए.
पत्नी के विवाद के बाद भी साली के संपर्क में था अभिषेक
इस दौरान पत्नी पीहर में रहती रही और उधर जीजा साली लगातार संपर्क में रहे और समय समय पर मिलते भी रहे. मृतक अभिषेक अक्सर बौंली गांव आता रहता था और कई दिनों तक अपनी साली (विधवा बुआ सास) के घर पर ही ठहरता था, लेकिन अपनी दूसरी बुआ सास एवं मौसी के यहां नहीं जाता था. इन दोनों के संबंध धीरे-धीरे लोगों के शक के दायरे में आने लगे थे.
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