Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट से गो-तस्कर के आरोपी को जमानत मिलने के बाद अब राज्य सरकार 4 नवंबर को रिव्यू पीटिशन दायर करेगी. राजस्थान सरकार को नोटिस मिलने के बाद भी किसी वकील को निर्देश नहीं मिले थे कि मामले में पैरवी कौन करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी नजीम खान को जमानत दे दी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 8 अक्टूबर को नोटिस मिल गया था, लेकिन, न तो किसी का वकालतनामा आया और न ही राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए कोई वकील पेश हुआ है. ऐसे में यह पता नहीं है कि प्रार्थी के खिलाफ पहले के 7 मामलों मे मौजूदा स्थिति क्या है.
आरोपी को सशर्त मिल गई थी जमानत
जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने माना की आरोपी यूपी का निवासी है. उसके राजस्थान में चल रहे केस में अनुपस्थित रहने की संभावना है. प्रार्थी को अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. ऐसे में उसे सशर्त जमानत पर रिहा करना उचित है. कोर्ट ने आरोपी पर शर्त लगाई कि वह भविष्य में ट्रायल कोर्ट के सामने उपस्थित होगा. अब राज्य सरकार जमानत पर रद्द करवाने के लिए 4 नवंबर को रिव्यू पीटिशन दायर करेगी.
टीकाराम जूली ने सरकार पर उठाए थे सवाल
गो-तस्कर के आरोपी को जमानत मिलने पर टीकाराम जूली ने सरकार को घेरा था. उन्होंने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट किया, "मुंह में राम, बगल में छूरी' यह है बीजेपी वालों की असलियत! साल 2021 में करौली जिले में राजस्थान पुलिस ने नाजिम नामक शख्स और उनके कुछ साथियों को गौ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोपियों को 26 गोवंशों की तस्करी कर उत्तर प्रदेश ले जाते हुए पकड़ा गया था जिसके बाद कई संगीन धाराओं में मुकदमा बना."
"प्रदेश को ऐसी पर्ची सरकार मिली"
आरोपी सेशन कोर्ट गए, जमानत नहीं मिली, हाईकोर्ट गए वहां भी निराशा हाथ लगी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां आरोपियों ने कहा जमानत दीजिए. लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका के खिलाफ सरकारी काउंसिल ही नहीं पहुंचा और वकालतनामा भी पेश नहीं किया गया और आरोपी को जमानत मिल गई. कोर्ट ने फैसले में लिखा - 8 अक्टूबर 2024 को राजस्थान सरकार को नोटिस दिया था लेकिन ना तो वकालतनामा आया ना कोई काउंसिल, यह प्रदेश का बड़ा दुर्भाग्य है कि उनको ऐसी पर्ची सरकार मिली.
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