
Nepal Bus Sized: राजस्थान के दौसा में परिवहन विभाग से जुड़ा ऐसा मामला सामने आया है जहां विभाग ने 104 यात्रियों से भरे बस को 12 घंटे से सीज कर रखा है. इस वजह से यात्री परेशान हो रहे हैं, लेकिन विभाग बस छोड़ने से इनकार कर रहा है. बस में यात्री के रूप में गर्भवती महिला और काफी सारे बच्चे हैं जो 12 घंटे से जिला परिवहन विभाग परिसर में बस जाने का इंतजार कर रहे हैं. परिवहन विभाग ने बस और उसके पेपर में खामियां बता कर उसे रोके हुए है. बता दें बस किसी निजी ट्रेवल्स का है. अधिकारियों का कहना है कि बस में इमरजेंसी गेट नहीं है.
दौसा जिला परिवहन विभाग में करीब 104 यात्री पिछले 12 घंटे से लगातार परेशान है जिला परिवहन विभाग परिसर में ही बस यात्री रोक रखी है जहां इस बस में सवारी में कई महिला प्रेग्नेंट, कई वृद्ध महिलाएं समेत छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल है. जिला परिवहन विभाग की ओर से एक निजी बस ट्रेवल्स की बस को रोक कर कागजात चेक किया तो उसमें खामियां अपने पर उसे बंद कर दिया गया. दौसा परिवहन विभाग के अफसर का कहना था बस का टैक्स बैक आया होने के कारण रोककर बंद किया गया है इस बस में करीब 104 यात्री सवार थे जिसमें महिला छोटे-छोटे बच्चे सहित गर्भवती महिलाएं भी बस में सवार थे.

नियम अनुसार नहीं बना है बस
जिला परिवहन विभाग के डीटीओ संदीप भारद्वाज का कहना है स्लीपर कोच बस नियम के अनुसार नहीं बनी हुई है. स्लीपर क्लास की बस है जो एसी है और इसमें एग्जिट इमरजेंसी गेट नहीं होने के कारण दुर्घटना होने पर ऐसी संभावनाएं बन जाती है. एग्जिट गेट होना चाहिए अगर बस भविष्य बस दुर्घटना होगी तो काफी संख्या में लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिलेगा. ऐसे वाहनों को सीज करने के निर्देश हैं और इनका बस बॉडी का पुनः निरीक्षण कर एआईएस 119 के नियम बस को बनवाने के बाद ही बस मालिक से शपथ पत्र लिया जाएगा. उसके बाद ही गाड़ी छोड़ी जाएगी. इस पर भारी जुर्माना लगेगा बस में सवार यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था कर उन्हें भेजा जाएगा. अगर बस टूर के रूप में है तो समुचित रेट पर वाहन उपलब्ध करवाया जाएगा .अगर इस बस में सवार यात्री है तो कंडक्टर को किराया वापस करना पड़ेगा इस खतरनाक अवस्था में हम आगे ले जाने की बस को हम परमिशन नहीं देंगे.

लोगों को इमरजेंसी जाना है नेपाल
बस में सवार महिला यात्री सपना का कहना है बस रात 2बजे से दौसा परिवहन विभाग के अंदर है हमें आज हमारे गंतव्य स्थान नेपाल पर पहुंचना था हम सभी को इमरजेंसी अपने घर जाना था लेकिन अभी तक हम राजस्थान में ही हैं. अब देखते हैं कि सरकार क्या वैकल्पिक व्यवस्था करेगी उसके बाद ही कुछ कहना संभव हो पाएगा.
बस में सवार यात्री किशन थापा नेपाल निवासी का कहना था कि हम सूरत गुजरात स्लीपर कोच बस में 2 सितंबर को रवाना हुए थे बस में सवाल 50% महिला और पुरुष सहित बच्चे शामिल है रात 1:00 बजे दौसा के परिवहन विभाग ने बस को बंद किया था. जहां पर 12 घंटे भी जाने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं हुई. हमारे पास जीवन में खाने-पीने के लिए पैसे नहीं हैं निजी ट्रेवल्स संचालक को हमने पूरा किराया दे दिया है. अब हमारे पास नेपाल पहुंचने के लिए पैसा नहीं हैं. बस यात्री नेपाल निवासी का कहना था कि बस समिति बस मालिक या राजस्थान सरकार हमें नेपाल पहुंचाए.
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