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बारिश के मौसम में मवेशियों की मौत बनी चिंता का विषय, एक ही जिले से 3 दिन में 19 की मौत

Rajasthan News, बारिश के मौसम में पशुओं की हो रही लगातार मौत से पशुपालकों में लगातार चिंता का बनी हुई है.

बारिश के मौसम में मवेशियों की मौत बनी चिंता का विषय, एक ही जिले से 3 दिन में 19 की मौत
कोटा में पशुओं की तस्वीर

Rajasthan Cattle Death: राजस्थान में मानसून के सीजन में जहां तेज बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबक बन रही है. वहीं अब मवेशियों को लेकर भी बारिश के मौसम में चिंता करने वाली खबर सामने आई है. कोटा की देवनारायण योजना के पशुपालकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. पिछले कुछ दिनों में कई पशुओं की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई है. पशुपालकों ने लगातार मवेशियों की हो रही मौत के बाद समिति के अध्यक्ष द्वारा नगर निगम के उपमहापौर पवन मीणा ने जानकारी ली.

गुरुवार को चिकित्सकों की टीम देवनारायण आवश्यक योजना पहुंची, जहां कई पशुओं के सैंपल लिए गए. रानपुर पशु चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर अशोक ने बताया कि देवनारायण आवासीय योजना में मवेशियों को चेक किया गया है. कुछ सैंपल भी कलेक्ट किए गए हैं, जिनको जांच के लिए भेजा गया है. योजना में बड़ी संख्या में मवेशी पालन किए जाते हैं, यहां पिछले दिनों वैक्सीनेशन भी किया गया था. लेकिन अचानक मवेशियों की हो रही मौत की वजह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी. 

3 दिन में 19 मवेशियों की हुई मौत

देवनारायण योजना पशुपालन विकास समिति के अध्यक्ष  किरण लांगड़ी ने इस मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पशुओं की तबियत अचानक बिगड़ती है और कुछ ही घंटों में उनकी मृत्यु हो जाती है. इस घटना में मुकेश मावता की 6 भैस और 1 गाय, तेजू मावट के 6 बछड़े, गोविंद भड़क की 4 भैंस, और मिट्टू हकला की 5 भैंस की मृत्यु हो चुकी है. 

देवनारायण योजना में लगभग 15,000 मवेशी और 450 पशुपालक परिवार रहते हैं. लोगों में पशुओं की अचानक हो रही मृत्यु से हम सभी पशुपालक डर और निराशा में हैं. सरकार से लोगों कि मांग है कि इस बीमारी का जल्द से जल्द पता लगाया जाए और इसका समाधान निकाला जाए.

उपमहापौर पवन मीणा ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह समस्या बहुत गंभीर है और बीमारी का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है. पिछले वर्ष भी लम्पी नामक बीमारी से राजस्थान में कई जानवरों की मृत्यु हुई थी. सरकार को जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस गंभीर समस्या का समाधान हो सके.

कांग्रेस सरकार ने बनाई थी पशुपालकों के योजना

कोटा शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने और पशुपालकों के जीवन स्तर में बड़े बदलाव के उद्देश्य से 300 करोड़ की यह योजना बनाई गई थी. जिसमें पशुपालकों को आवास के साथ पशुओं के लिए बाड़े, पशुपालकों के बच्चों के लिए स्कूल अस्पताल दुग्ध मंडी पुलिस थाना शाहिद बुनियादी सुविधाओं को योजना के तहत विकसित किया गया है. योजना के तहत गोबर गैस संयंत्र भी स्थापित किया गया है. जहां पशुपालकों से गोबर खरीदकर गोबर गैस निर्मित की जाती है.

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