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This Article is From Aug 03, 2023

राजस्थान विधानसभा में उठी बांदीकुई को जिला बनाने की मांग

विधानसभा में विधायक जीआर खटाणा ने पुरजोर तरीके से उठाई बांदीकुई को जिला बनाने की मांग, कई माह से स्थानीय लोग कर रहे आंदोलन

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राजस्थान विधानसभा में उठी बांदीकुई को जिला बनाने की मांग
राजस्थान विधानसभा.
बांदीकुई:

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को बांदीकुई को जिला बनाने की मांग को विधायक गजराज खटाणा ने पुरजोर तरीक़े से उठाया. बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा ने बुधवार को राजस्थान विधानसभा की  कार्यवाही के दौरान नियम 295 के अंतर्गत बांदीकुई को जिला बनाए जाने की मांग उठाई. इस दौरान विधायक ने कहा कि, हाल ही में बजट में राज्य सरकार द्वारा राज्य में 19 नए जिले स्वीकृत किए गए हैं,जो कि सरकार का एक ऐतिहासिक कार्य है. विधायक ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र बांदीकुई जिला बनाये जाने की सभी योग्यताएं रखता है. 

खटाणा ने कहा कि, उनके विधानसभा क्षेत्र बांदीकुई को भी लंबे समय से जिला बनाए जाने की मांग की जाती रही है. जिला बनाए जाने की समस्त योग्यताओं के उपरांत भी इस बजट में भी बांदीकुई को जिला नही बनाया गया है जिससे कि क्षेत्र की जनता में अत्यंत आक्रोश व्याप्त है. विधायक खटाणा ने कहा कि बांदीकुई दौसा जिलें में दौसा के बाद सबसे अधिक आबादी वाला शहर है. बांदीकुई दौसा जिले के मध्य में स्थित है, जहां पर जिले के सभी क्षेत्रों से आवागमन की सुविधा है. बांदीकुई में यातायात सुविधाएं पर्याप्त हैं. रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग के माध्यम से बांदीकुई कस्बा दौसा,जयपुर, अलवर,दिल्ली एवं आगरा से जुड़ा हुआ है. देशभर में प्रसिद्ध आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन हेतु देशभर से लाखों श्रद्धालु रेलमार्ग से बांदीकुई आते हैं तथा बांदीकुई के पास स्थित विश्व विख्यात चांदबावडी आभानेरी हेतु देश-विदेश से पर्यटक निरंतर आते रहते है. उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री से मांग की है कि आमजन की मांग को मद्देनजर रखते हुए बांदीकुई को जिले का दर्जा दिलवाया जाए. 

गौरतलब है कि बांदीकुई को जिला बनाने की मांग को लेकर बांदीकुई जिला बनाओ सर्व समाज संघर्ष समिति के तत्वाधान में सर्व समाज के स्थानीय लोगों द्वारा बीते कई माह से आंदोलन किया जा रहा है. इसके चलते विगत दिनों उपखंड मुख्यालय बांदीकुई पर सर्व समाज के स्थानीय लोगों द्वारा काफी दिनों तक धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कुछ पार्षद काफी दिनों तक अनशन पर भी रहे. इसके बाद स्थानीय विधायक खटाणा व मंत्री मुरारीलाल मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जिला बनाने की मांग में सहयोग देने का आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों का धरना प्रदर्शन व अनशन खत्म करवाया था. इसके बाद संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल बांदीकुई को जिला बनाने की मांग को लेकर विधायक खटाणा के नेतृत्व में सीएम अशोक गहलोत से मिला था. इसके अलावा विधायक ने प्रतिनिधिमंडल के साथ जिला बनाने को लेकर गठित रामलुभाया कमेटी से भी बात की थी. 

इसके बाद भी बांदीकुई को जिला नहीं बनाने से क्षेत्रवासियों का आक्रोश दिनों दिन बढ़ रहा है. इससे क्षेत्र के विधायक भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं और जिला बनाने की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों द्वारा चलाई जा रही मुहिम का समर्थन कर रहे हैं. किसी भी कीमत पर वे क्षेत्रवासियों को नाराज नहीं करना चाहते और इसी के चलते विधानसभा में उन्होंने बांदीकुई को जिला बनाने का मुद्दा उठाया.

सन 1991 से उठ रही है बांदीकुई को जिला बनाने की मांग

बांदीकुई जिला बनाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि बांदीकुई को जिला बनाने की मांग कोई नई नहीं है यह वर्षों पुरानी मांग है जो कि 1991 से की जा रही है. उन्होंने बताया कि कुछ माह पूर्व पेश किए गए बजट में राज्य सरकार द्वारा 19 नए जिलों की घोषणा की थी जबकि बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1991 से बांदीकुई को जिला बनाने की मांग करता आ रहा है परंतु हर बार उपेक्षा की जाती रही है. उन्होंने बताया कि बांदीकुई भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है व आवागमन के सुगम साधन हैं.  बांदीकुई जिला मुख्यालय बनेगा तो आसपास की तहसीलों के मध्य में होगा. बांदीकुई सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यटन, शैक्षिक एवं ऐतिहासिक महत्व रखता है. दौसा जिले में जनसंख्या के आधार पर बांदीकुई दौसा के बाद सबसे अधिक आबादी वाला शहर है. सन 2011 की जनगणना के अनुसार उपखण्ड बांदीकुई की जनसंख्या लगभग 338878 थी जो वर्तमान में वर्ष 2021 के अनुसार लगभग 420209 हो गई है. बांदीकुई में जिले के सभी क्षेत्रों से आवागमन की सुगम सुविधा है. पर्यटन की दृष्टि से बाद बांदीकुई देश मे सुनहरे त्रिकोण गोल्डन ट्रायंगल दिल्ली,जयपुर और आगरा के मध्य स्थित है. बांदीकुई से दिल्ली 200 किमी,जयपुर 90 किमी और आगरा 150 किमी तथा दो बड़े जिले भरतपुर और अलवर भी 90 एवं 60 किमी की दूरी पर हैं. बांदीकुई रेल और सड़क मार्गों के माध्यम से दौसा, जयपुर,अलवर,भरतपुर,दिल्ली,आगरा से जुड़ा हुआ है.अलवर गंगापुर स्टेट हाईवे नंबर 65 बांदीकुई के मध्य से गुजरता है.दिल्ली मुम्बई ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे क्षेत्र के बीच से गुजरता है.

रेल नगरी बांदीकुई का ऐतिहासिक महत्व

राजस्थान में रेल के आवागमन की शुरुआत का केन्द्र बांदीकुई है जिसमें अप्रैल 1874 में आगरा फोर्ट-बांदीकुई के मध्य तत्कालीन राजपूताना में पहली ट्रेन चली. बांदीकुई रेलवे स्टेशन ब्रिटिशकाल से ही रेलवे का बड़ा जंक्शन रहा है जहां से पूरे देश के लिए सुगम रेल सेवा उपलब्ध है. वेस्टर्न रेलवे का सबसे बड़ा लोको शेड भी 1980 के लगभग यहीं बना जिसमें प्रारम्भ में 160 स्टीम इंजनों के समायोजन की व्यवस्था थी.यहां बड़ा रेलवे चिकित्सालय,रेलवे स्कूल,आरपीएफ का जोनल ट्रेंनिग सेन्टर स्थित है.

प्रशासनिक एवं शैक्षिक दृष्टि से परिपूर्ण

बांदीकुई विस्तृत भू-भाग के मध्य स्थित है जिस कारण यह व्यापार,वाणिज्य,शिक्षा का मुख्य केंद्र है.बांदीकुई प्रशासनिक दृष्टि से आसपास की सभी तहसीलों,पंचायत समितियों एवं ग्राम पंचायतों से सुगम मार्गों से जुड़ा हुआ है. वर्तमान जिला मुख्यालय बांदीकुई के निकट गांवों से दूरी पर स्थित है. इसलिए आम आदमी वर्तमान जिला मुख्यालय दूर होने के कारण वहां पहुंचने में दिक्कत महसूस करता है. बांदीकुई को जिला बनाया जाता है तो आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा एवं कानून व्यवस्था की प्रभावी क्रियान्वयन हो सकेगा. यहां पर उपखण्ड कार्यालय,उप जिला अस्पताल,सीओ कार्यालय,एडीएम कैम्प कोर्ट, आरएए कोर्ट, पांच न्यायालय, सेशन उपन्यायधीश कार्यालय स्थित है.

शैक्षिक दृष्टि से भी बादीकुई उपखण्ड में लगभग 300 से अधिक विद्यालय,6 स्नातक/ स्नातकोत्तर महाविद्यालय,3 बीएड कॉलेज,3 नर्सिंग कॉलेज, वैटनरी कॉलेज,01 केन्द्रीय विद्यालय तथा 20 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं. बांदीकुई उपखण्ड कृषि आधारित एवं पशुपालन का क्षेत्र रहा है. यहां रीको का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है.

सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से बांदीकुई उपखण्ड एक अद्भुत नगरी है इसमें सभी धर्मों के पूजा स्थल मौजूद हैं. एक मात्र दुर्बलनाथ का मंदिर (समाधि स्थल) भी यहीं स्थित है. प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र आभनेरी की चांद बावडी,झाझीरामपुरा,राणा सांगा का चबूतरा,मेहंदीपुर बालाजी धार्मिक नगरी बांदीकुई के पास ही स्थित है.कुछ दूरी पर सांवलिया धाम करनावर,नारायणी माता धाम भी स्थित है.

प्रस्तावित बांदीकुई जिले का संभावित प्रशासनिक ढांचा

प्रस्तावित बांदीकुई जिले में दौसा जिले के उपखंड बांदीकुई,बसवा, बैजूपाडा, मंडावर एवं अलवर जिले को उपखंड कार्यालय रैणी, राजगढ़, थानागाजी को समायोजित किया जा सकता है. प्रस्तावित जिला बांदीकुई में दौसा जिले की तहसील बांदीकुई, बसवा, बैजूपाड़ा, मंडावर, सैंथल व सिकराय क्षेत्र की उपतहसील सिकंदरा तथा अलवर जिले की तहसील रैणी,राजगढ़,थानागाजी को सम्मिलित किया जा सकता है. प्रस्तावित बांदीकुई जिले में पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय बांदीकुई, सीओ राजगढ व थाना बांदीकुई, बसवा, कोलवा, जीआरपी बांदीकुई, सिकंदरा, मंडावर, बैजूपाड़ा व अलवर जिले के रैणी,राजगढ़ व थानागाजी को जोड़ा जा सकता है.

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