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This Article is From Sep 20, 2023

लख्खी मेले के लिए जोधपुरिया धाम पर भक्तों का जनसैलाब, सचिन पायलट भी होंगे शामिल

साल में दो लक्खी मेलो का आयोजन होता है, जो जोधपुरिया धाम में भगवान देवनारायण की याद में आयोजित किए जाते हैं. इन मेलों में भारतवर्ष के साथ ही राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग शामिल होते हैं, और यहां भोपा जी का नृत्य मुख्य आकर्षण का केंद्र बनता है

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लख्खी मेले के लिए जोधपुरिया धाम पर भक्तों का जनसैलाब, सचिन पायलट भी होंगे शामिल

जोधपुरिया धाम में भगवान देवनारायण के श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है, और इसके साथ ही लक्खी मेला भी शुरू हो चुका है. इस मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं का आना हो रहा है, जो इस धाम में भगवान देवनारायण की आराधना करने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं. बुधवार शाम पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी इस मेले में शामिल होंगे. इस मौके पर छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह के साथ ही गुर्जर समुदाय के गौरवपूर्ण व्यक्तियों का भी सम्मान किया जाएगा.

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टोंक जिले के जोधपुरिया गांव में मासी बांध के किनारे स्थित गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायण का मंदिर, जोधपुरिया धाम, आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. इस मंदिर में साल में दो बड़े लक्खी मेले आयोजित होते हैं, जिनमें लाखों की भीड़ उमड़ती है.

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गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायण जी का यह मंदिर राजस्थान के टोंक जिले में स्थित है और पौराणिक मान्यताओं के आधार पर माना जाता है कि देवनारायण जी भगवान विष्णु के अवतार के रूप में यहां विराजमान है और इसी जगह भक्तों द्वारा पूजे जाते हैं.

मेले में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:

जोधपुरिया धाम मंदिर में विशेष रूप से भादवा मास में लक्खी मेला आयोजित होता है, जिसमें देशभर से लाखों भक्त पहुंचते हैं. इस मेले के दौरान, मंदिर के पुजारी भोपा जी द्वारा भगवान देवनारायण जी के जीवन के चित्रों पर नृत्य किया जाता है और फूल से सजी थाली पर चित्र बनाए जाते है.

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चिकित्सा और आध्यात्मिक आश्रय:

टोंक जिले के जोधपुरिया गांव में स्थित भगवान देव धाम का मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे देव नारायण भी कहा जाता है. इस मंदिर में अखंड ज्योति जलती है और घी के भंडार सदा भरे रहते हैं. मान्यता है कि यहां के भंडार के घी को आंखों में लगाने से नेत्रज्योति तेज होती है और असाध्य रोगियों का उपचार भी इसके द्वारा हो सकता है.

साल भर चलते रहते हैं सवामणी की भोजन प्रसादी के कार्यक्रम:

गुर्जर समाज ही नहीं, हिन्दू आस्था के इस केंद्र पर साल भर सवामणी की भोजन प्रसादी के कार्यक्रम भी चलते रहते हैं. मंदिर में श्री सवाई भोज गुर्जर, तारादी पंवार, भूना जी और मेहंदु जी के स्मारक हैं. इस भव्य मंदिर में विशेष रूप से शुक्रवार को भक्तों की भीड़ दिखाई देती है, क्योंकि इस दिन भक्त पूरी रात जागरण करते हैं.

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भोपा जी का नृत्य मुख्य आकर्षण का केंद्र:

साल में दो लक्खी मेलो का आयोजन होता है, जो जोधपुरिया धाम में भगवान देवनारायण की याद में आयोजित किए जाते हैं. इन मेलों में भारतवर्ष के साथ ही राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग शामिल होते हैं, और यहां भोपा जी का नृत्य मुख्य आकर्षण का केंद्र बनता है.

जोधपुरिया धाम मेलों का आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी रखता है, और यहां आने वाले लोग अपने मान्यताओं और धार्मिक आराधना के साथ ही राजस्थान की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेते हैं.

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