
Deedwana News: राजस्थान के डीडवाना में रिश्तों की मर्यादा को भुला देने वाला और आंखों में आंसू लाने वाला मामला सामने आया है. जिले के धनकोली गांव में एक बुजुर्ग दंपत्ति, उस्मान खान (70) और उनकी पत्नी आयशा, पिछले छह महीनों से अपने ही खेत में एक पेड़ के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर हैं. उनकी इस बदहाली का आरोप उनकी अपनी ही पौत्र वधू (पोते की पत्नी) पर है, जिसने कथित तौर पर उन्हें घर से निकाल दिया.
पोते की बीवी ने धक्के देकर घर से निकाला बाहर
बुजुर्ग उस्मान खान के मुताबिक, उन्होंने बड़े अरमानों के साथ अपने पोते अमीस का निकाह करवाया थी. लेकिन निकाह के कुछ समय बाद ही घर में कलह शुरू हो गई. इससे तंग आकर उनके बेटे, बहू और पोते ने घर छोड़ दिया. वही कुछ दिन पहले पोते ने अपनी बीवी को डिवोर्स पेपर भेजे है. जिसपर उसने स्टे ले लिया है. इसके बाद घर में सिर्फ बुजुर्ग दंपत्ति और उनकी पौत्र वधू ही रह गए. ससुर उस्मान खान का आरोप है कि अब उनकी पौत्र वधू ने उन्हें भी जबरन उस घर से बाहर निकाल दिया, जिसे उन्होंने अपनी मेहनत से बनवाया था. बेघर होने के बाद इस बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने ही खेत में शरण ली और तब से वे एक पेड़ के नीचे ही रह रहे हैं.
पुलिस पर भी लगा गंभीर आरोप
जब बुजुर्ग दंपत्ति ने न्याय की गुहार लेकर मौलासर थाने में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने सिर्फ शिकायत लेकर उन्हें वापस भेज दिया. उस्मान खान ने गंभीर आरोप लगाया कि उनकी पौत्र वधू के पिता शब्बीर खान एक पुलिस अधिकारी हैं, और उनके दबाव के कारण पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. न्याय न मिलने से हताश होकर, बुजुर्ग दंपत्ति ने कई दिनों तक थाने के चक्कर लगाए, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई.
कलेक्टर के पास पहुंचा मामला
जब कहीं से न्याय की उम्मीद नहीं मिली, तो उस्मान खान और उनकी पत्नी जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत को अपनी आपबीती सुनाई और न्याय की गुहार लगाई. उन्होंने इतना तक कह दिया कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे इच्छा मृत्यु की मांग करते हैं. इस पर, कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसपी ऋचा तोमर और मौलासर तहसीलदार को मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
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