Rajasthan News: भारत का सबसे चमकदार त्योहार दीपावली अब दुनिया की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बन गया है. यूनेस्को ने इसे अपनी सूची में शामिल कर लिया है. इस खबर से पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं और इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.
खासकर राजस्थान की राजधानी जयपुर में इस मौके को बड़े धूमधाम से मनाया गया. ऐतिहासिक आमेर महल को रोशनी से सजाकर ऐसा लग रहा था मानो कोई दुल्हन सजी हो. पर्यटक यहां नाच-गाकर खुशियां मना रहे थे. यह फैसला भारत की समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मंच पर नई पहचान देगा.
यूनेस्को बैठक में मिली मंजूरी
नई दिल्ली के लाल किले में 7 से 13 दिसंबर तक यूनेस्को की अंतर सरकारी समिति की बैठक चल रही है. इसी दौरान भारत सरकार ने 2024-25 के लिए दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में जोड़ने का प्रस्ताव रखा. समिति ने इसे स्वीकार कर लिया.
अब दीपावली दुनिया के उन चुनिंदा सांस्कृतिक त्योहारों में शामिल हो गई है जो यूनेस्को की सूची में हैं. इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई. कई नेताओं और सांस्कृतिक संगठनों ने इसे भारत की जीत बताया. यह कदम हमारी परंपराओं को बचाने और दुनिया को दिखाने में मदद करेगा.
आमेर महल में भव्य सजावट और जश्न
जयपुर का मशहूर आमेर महल इस बार दीपावली के जश्न का केंद्र बना. महल को हजारों दीपकों रंगोली और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया. सूरजपोल और चांदपोल गेट पर लगी लाइटें दूर से ही आकर्षित कर रही थीं. देसी पर्यटक हों या विदेशी सबने यहां जमकर नृत्य किया और खुशियां बांटीं. महल की दीवारें रोशनी से जगमगा रही थीं.
आमेर महल के अधीक्षक राकेश छोलक ने कहा कि यह हमारे लिए बेहद खुशी की बात है. भारत का यह प्रसिद्ध त्योहार अब विश्व स्तर पर मान्यता पा चुका है. हमने महल को खास तरीके से सजाया ताकि पर्यटक इस खुशी में शामिल हो सकें. पर्यटकों ने भी बताया कि ऐसी सजावट उन्होंने पहले कभी नहीं देखी.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाया रंग
इस विशेष मौके पर आमेर महल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. लोक नृत्य संगीत और अन्य कलाओं ने माहौल को और जीवंत बना दिया. स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए.
महल के वरिष्ठ पर्यटक गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि दीपावली का यूनेस्को सूची में शामिल होना हमारी संस्कृति के लिए सम्मान है. हमने यहां सब मिलकर जश्न मनाया जो एकता का संदेश देता है. यह त्योहार सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक भी है. यह हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और दुनिया को भारत की एकता दिखाता है.
रिपोर्ट- रोहन शर्मा
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