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आखिर राजस्थान के डॉक्टर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर क्यों मांगी इच्छा मृत्यु? जानें पूरा मामला

Jhunjhunu Doctor Letter: राजस्थान के एक डॉक्टर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है. इस मामले की जड़ में सरकारी कर्मियों की लापरवाही का घोर मामला है.

आखिर राजस्थान के डॉक्टर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर क्यों मांगी इच्छा मृत्यु? जानें पूरा मामला
सिस्टम से परेशान डॉक्टर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मांगी इच्छा मृत्यु की इजाजत.

Jhunjhunu Doctor Demand Euthanasia: 'अधिकारी आम आदमी की नहीं सुनते... शिकायत कर-कर के थक गया हूं. अब मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दीजिए'. एक डॉक्टर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है. डॉक्टर ने जब कलेक्टर को पत्र लिखा तो उनकी कहानी मीडिया में आई. फिर आनन-फानन में उनकी शिकायत का निदान भी हो गया. लेकिन एक डॉक्टर आखिर कलेक्टर को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगने पर मजबूर क्यों हुए? इस क्यों के जवाब में भारत में करोड़ों मध्यम वर्ग की परेशानी समाई है. आईए, जानते है क्या है ये पूरा मामला. 

झुंझुनूं के डॉक्टर ने कलेक्टर को लिखा पत्र

कलेक्टर को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगने की यह घटना राजस्थान के झुंझुनूं जिले से सामने आई है. पत्र लिखने वाले डॉक्टर मनीष कुमार सैनी झुंझुनूं जिले के वार्ड नंबर-1 के रहने वाले हैं. इस वार्ड में लिटिल पब्लिक स्कूल है. जिसके पास डॉक्टर साहब का मकान है.

बिजली विभाग की लापरवाही से परेशान हुए डॉक्टर

डॉ. मनीष सैनी फिजियोथेरेपिस्ट है. सीमित आय में अपना परिवार चला रहे हैं. कलेक्टर को पत्र लिखने के बारे में डॉ. मनीष सैनी ने बताया- मैंने सरकारी योजना के तहत 5 महीने पहले 10KV का सोलर पैनल लगाया था. घर पर मैं और मेरी पत्नी ही रहते हैं. लेकिन इसके बाद भी बिजली विभाग की ओर से लगातार भारी भरकम बिल भेजा रहा है.

भारी-भरकम बिजली बिल से परेशान डॉक्टर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मांगी इच्छा मृत्यु की इजाजत.

भारी-भरकम बिजली बिल से परेशान डॉक्टर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मांगी इच्छा मृत्यु की इजाजत.

डॉ. मनीष ने बताया कि भारी-भरकम बिजली बिल से मैं और मेरा परिवार बुरी तरह से परेशान हो चुका है. पिछले 4 महीने में कई बार मैंने बिजली विभाग को अपनी समस्या के बारे में बताया. लिखित में शिकायत भी दी. लेकिन, ये कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. 

रिश्वत दिए बिना नहीं होता काम

डॉ. मनीष ने आगे बताया कि भ्रष्टाचार से लिप्त बिजली विभाग के कर्मचारी- JEN, AEN और लाइनमैन आम आदमी को तवज्जो नहीं देते. जब मैंने शिकायत दी तो तो मुझे डराने लगे. धमकाते हुए यह कहने लगे कि हमारी सरकार है और हम तुम्हारा कनेक्शन कटवा देंगे. 

अंत में डॉ. मनीष ने तंग आकर कलेक्टर को पत्र लिखा और निवेदन कि मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दें, ताकि मैं इस मानसिक रूप से प्रताड़ना से बच सकूं.

इच्छा मृत्यु वाले पत्र के बाद हुआ समाधान

कलक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग करने जब मामला सुर्खियों में आया तो बिजली विभाग तुरंत हरकत में आया. फिर मामले की जांच कराई गई और जाँच के बाद 30094 रुपये का बिल 7 हजार रुपए किया गया हैं. फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मनीष कुमार सैनी के घर का बिजली का कनेक्शन पत्नी मनीषा सैनी के नाम है.

सरकारी दफ्तरों में रिश्वत का खेल, हर कोई परेशान

मामले के बाद विभाग हरकत में आया और एसई महेश टीबड़ा ने मामले में जाँच करवाते हुए बिल को दुरस्त करवाया. डॉ.सैनी ने आरोप लगाया कि विभाग में रिश्वत का खेल चल रहा है. जो पैसे दे रहे हैं, उनका काम हो रहा है. हताश होकर उन्हें इच्छा मृत्यु के लिए मांग करनी पड़ी है. डॉ. मनीष जैसी परेशानी देश के करोड़ों लोग हर रोज जुझते हैं. लेकिन सिस्टम में लगा रिश्वतरुपी कोढ़ लाख कार्रवाईयों के बाद भी खत्म नहीं हो रहा है. 

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