
NDTV Emerging Business Conclave: डॉ. संजय मुकुंदगढ़ पेशे से डॉक्टर हैं लेकिन उनका दिल संगीत में बसता है. जब वे गाते हैं तो उनकी आवाज हर दिल को छू लेती है. राजस्थान की माटी की सोंधी खुशबू लिए उनके गीत लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ते हैं. हाल ही में NDTV राजस्थान के मंच पर उन्होंने अपनी मधुर आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने राजस्थान का मशहूर गीत धरती धोरां री गाकर समां बांध दिया जिसमें राजस्थान की संस्कृति और धोरों की महक झलकती है. इसके अलावा सावन के मौसम में पति-पत्नी के प्रेम को दर्शाता एक गीत भी उन्होंने प्रस्तुत किया.
#NDTVEmergingBusinessConclave | राजस्थान के प्रसिद्ध गीतकार और गायक संजय मुकुंदगढ़ ने एमर्जिंग बिजनेस कॉन्क्लेव में बांधा समां #JodhpurChapter pic.twitter.com/xPrYzu1kpw
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) July 19, 2025
राणा प्रताप से प्रेरणा
डॉ. संजय सिर्फ गायक ही नहीं समाज को दिशा देने वाले प्रेरक भी हैं. उन्होंने युवाओं को हताश न होने का संदेश दिया. उन्होंने डॉ. कन्हैयालाल सेठी की कविता पर आधारित राणा प्रताप का गीत गाया जिसमें राणा प्रताप और जयपुर के राजा मानसिंह की बातचीत को दर्शाया गया. गीत में राणा प्रताप कहते हैं कि वे मुगलों से समझौता करने को तैयार हैं लेकिन मानसिंह उन्हें चेताते हैं कि इससे राजपूतों का गौरव डूब जाएगा. इस गीत के जरिए डॉ. संजय ने युवाओं को राणा प्रताप के त्याग और हिम्मत से प्रेरणा लेने का संदेश दिया.
कोविड ने बदली सोच
कोविड के दौरान आईसीयू में ड्यूटी करते हुए डॉ. संजय को एहसास हुआ कि लोगों को उनकी रुचि की दिशा में ले जाना जरूरी है. उन्होंने अपने राजस्थानी गीत और भजन यूट्यूब और सोशल मीडिया पर साझा किए. आज उनके लाखों फॉलोअर्स हैं. वे कहते हैं कि उन्होंने सिर्फ दिल से गाया और लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ा. उनकी सादगी और संगीत ने युवाओं को भी आकर्षित किया है.
खाटू श्याम का भजन बना ट्रेंड
अंत में डॉ संजय ने खाटू श्याम की पवन तीर्थ से जुड़ा एक भजन सुनाया जो इन दिनों ट्रेंड कर रहा है.
तीन बाण के धारी,
तीन बाण चलाओ ना.
इस गीत से पूरा समा झूम उठा. उन्होंने कभी संगीत नहीं सीखा , रियाज नहीं किया. सिर्फ दिल से गाया और दिल से दिलों को जोड़ते हुए डॉक्टर संजय ने धूम मचा दी है.