
भीलवाड़ा के बागौर के नजदीक 2 माह से वन विभाग व ग्रामीणों को लगातार चकमा दे रहा एक पैंथर आखिरकार पिंजरे को कैद करने में वन विभाग से सफलता पाई. शुक्रवार को एक चरवाहे की बकरी का शिकार करने की सूचना के बाद से ग्रामीण व वन विभाग की टीम हरकत में आई और पैंथर के पैरों के निशान पीछा करती रही. अंततः जोरावरपुरा के पास खान में घुसे पैंथर को पिंजरा लगाकर ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ लिया.
डावल्डी खान में गए पैंथर को वन विभाग ने रोका, देर रात पिंजरे में फंसा
डावल्डी खान में फंसे पैंथर को बाहर निकलने से रोकने के लिए वन विभाग की टीम पहले चारों तरफ कटीली झाड़ियां की बाड़ लगाई, फिर दूसरी ओर पत्थरों के ढेर से दीवार बनाकर पैंथर को पकड़ने का इंजाम कर दिया. देर रात जब पैंथर की दहाड़ सुनाई दी, तब ग्रामीणों की सुचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने रविवार सुबह 5 बजे उसका रेस्क्यू किया.
चार-पांच सालों से इलाके में रह रहा था रेस्क्यू किया गया खूंखार पैंथऱ
ग्रामीण सांवरमल जाट का ने बताया कि पिछले चार-पांच सालों से पैंथर परिवार सहित इस इलाके में रह रहा था, जिसे ग्रामीणों ने कई बार देखा.चार माह पूर्व वन विभाग ने जंगल मे पिंजरा लगाया जो एक माह तक लगा रहा था, लेकिन पैंथर को पकड़ने में कोई सफलता नही मिली थी.
रेस्क्यू ऑपरेशन में पकड़े गए नर पैंथर के शावक बच्चे होने की आशंका
ग्रामीण का कहना है कि यह पैंथर अपने परिवार सहित क्षेत्र में देखा गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में नर पैंथर पकड़ में आया, जबकि मादा पैंथर व बच्चे होने की भी आशंका है, जिसके चलते इसी स्थान पर दूसरा पिंजरा लगाया ताकि दूसरे भी आसानी से पकड़ में आ सके.
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