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Dungarpur News: थाने में ही चोरों ने लगा दी सेंध! गाड़ियां जब्त होने के बाद पुलिस स्टेशन से हो गई गायब

Bichiwada police station: सीमावर्ती इलाका होने के चलते क्षेत्र में शराब की तस्करी काफी होती है. ऐसे में थाने में जब्ती की कार्रवाई के बाद वाहन और शराब का बडा स्टॉक जमा होता है. इसी इलाके में नेशनल हाईवे-48 होने के कारण प्रतिदिन एक से दो एक्सीडेंट होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त वाहन रिकवरी के लिए आते हैं.

Dungarpur News: थाने में ही चोरों ने लगा दी सेंध! गाड़ियां जब्त होने के बाद पुलिस स्टेशन से हो गई गायब

Dungarpur News: राजस्थान-गुजरात सीमा पर मौजूद प्रदेश के अंतिम पुलिस थाने से हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है. डूंगरपुर (Dungarpur) जिले के बिछीवाड़ा थाने में ही गाड़ियां सुरक्षित नहीं हैं. गाड़ियों समेत अन्य बरामद सामग्री रखने के लिए इस थाने में मालखाना नहीं है. सीमावर्ती इलाका होने के चलते क्षेत्र में शराब की तस्करी काफी होती है. ऐसे में थाने में जब्ती की कार्रवाई के बाद वाहन और शराब का बडा स्टॉक जमा होता है. इसी इलाके में नेशनल हाईवे-48 होने के कारण प्रतिदिन एक से दो एक्सीडेंट होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त वाहन रिकवरी के लिए आते हैं.

जमीन आवंटन को लेकर राजस्व विभाग के साथ चल रही खींचतान

इसकी वजह से बिछीवाड़ा थाने में एक बाइक रखने तक की जगह नहीं है. यहां पुलिस को वाहन और सामग्री को खुल्ले में रखना पड़ता है. इसी का फायदा यहां के छोटे-मोटे चोर उठाते हैं. थाने के लिए पिछले 5 साल से जमीन का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन से नई जमीन अभी तक आवंटित नहीं हुई है. इसकी वजह है राजस्व विभाग और पुलिस की आपसी खींचतान, जिसके चलते 50 साल पुरानी आंवटित जमीन पर बिछीवाड़ा पुल थाना संचालित हो रहा है. थाने की जमीन छोटी होने के चलते मालखाने के लिए पर्याप्त सुरक्षित जगह नही है.

हादसे के बाद कार हुई जब्त, व्यापारी का आरोप- थाने से गाड़ी गायब

दूसरी ओर, उदयपुर का एक व्यापारी थाने से कार गायब होने का भी आरोप लगा रहा है. दरअसल, 5 साल पहले व्यापारी की कार का एक्सीडेंट हो गया था. व्यापारी नरेंद्र कुमार भेरविया के मुताबिक 24 जुलाई 2019 को अपनी बेटी श्वेता और मित्र उमेश जोशी के साथ उदयपुर से अहमदाबाद जा रहा था. तभी दोपहर 2:30 बजे बिछीवाड़ा थाने से पहले एक होटल के सामने ट्रेलर ने कार को पीछे से टक्कर मार दी. हादसे में नरेंद्र कुमार गंभीर रुप से घायल हो गए हैं. एम्बुलेंस की सहायता से उन्हें अहमदाबाद भर्ती कराया गया. उस समय जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर अंसार अहमद ने कार को जब्त कर बिछीवाड़ा पुलिस थाने में रखवाया. जब वह थाने में कार लेने के लिए पहुंचे तो कार गायब मिली. अब वह पिछले पांच साल से पुलिस प्रशासन से अपनी कार लेने की मांग कर रहे हैं.

मामले में एएसपी ने कही ये बात

डूंगरपुर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया, "कार नंबर आरजे 27 सीबी 6403 क कोई रिकॉर्ड थाने में उपलब्ध नहीं है. एक्सीडेंट के मामले में 20 सितम्बर 2019 को ग्राम न्यायालय बिछीवाड़ा में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी. 15 जनवरी 2020 को 10 हजार रुपए के मुचलके पर ट्रेलर ड्राइवर को जमानत भी मिल गई. इसके अलावा हादसे से जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड थाने में उपलब्ध नहीं है. कार को एक्सीडेंट साइट से ले जाकर मालखाने में जमा कराने के बाद गायब हुई."

तत्कालीन जांच अधिकारी बोले- मालखाने में जमा कराई थी कार

तत्कालीन जांच अधिकारी अंसार अहमद ने बताया कि एक्सीडेंट के बाद कार को बिछीवाड़ा थाने में लेकर आए थे. उसको बिछीवाड़ा मालखाने में जमा कराई थी. उसकी सुपुर्दगी भी ऑन रिकॉर्ड कराई गई थी. अब पिछले पांच से से पीड़ित बिछीवाड़ा थाने में चक्कर लगाए जा रहे है. मालखाने के रिकॉर्ड में बड़ी हेरफेर होने के कारण वहां पर कार संबंधित रिकॉर्ड भी नही मिल रहा है.

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