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This Article is From Nov 04, 2023

48 लाख कैश, 1.73 करोड़ बैंक में जमा धन... ED ने राजस्थान में क्या कुछ पकड़ा, खुद दी जानकारी

राजस्थान में चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई जारी है. ईडी के इस एक्शन पर सियासी हड़कंप मचा है. इस बीच शनिवार को ईडी ने बयान जारी कर बताया कि उन्हें राजस्थान में क्या कुछ मिला?

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48 लाख कैश, 1.73 करोड़ बैंक में जमा धन... ED ने राजस्थान में क्या कुछ पकड़ा, खुद दी जानकारी
प्रवर्तन निदेशालय.

ED Raid in Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कई जगहों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया. चुनाव पूर्व राज्य में हुई ईडी की एंट्री से सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस ने ईडी, आईटी की छापेमारी के पीछे केंद्र सरकार पर हमला बोला है. जबकि भाजपा के नेताओं का कहना है कि यदि कांग्रेस के नेता करप्ट नहीं हैं तो वो डर क्यों रहे हैं? बीते कुछ दिनों से जारी इस सियासी रस्साकसी के बीच शनिवार को प्रर्वतन निदेशालय ने खुद बयान जारी कर बताया कि उन्हें राजस्थान में छापेमारी में क्या कुछ मिला? ED ने यह भी बताया कि जल जीवन मिशन योजना में राजस्थान में किस तरह से करप्शन हुआ है.   

बिचौलियों ने अफसरों की मिलीभगत से की हेराफेरी

ED ने शनिवार को एक बयान में दावा किया कि कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने राजस्थान सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) के अधिकारियों को जल जीवन मिशन योजना से ‘‘अवैध तरीके से प्राप्त'' धनराशि की हेराफेरी करने में ‘मदद' की.

शुक्रवार को ईडी ने 26 जगहों पर ली थी तलाशी

मालूम हो कि ईडी ने शुक्रवार को चुनावी राज्य में 26 स्थानों पर तलाशी ली थी. पहले दौर की छापेमारी सितंबर में की गई थी. नए अभियान में जयपुर और दौसा में पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवास और कार्यालय परिसरों के अलावा निजी व्यक्तियों के स्थानों की तलाशी ली.

ईडी ने बयान में कहा कि तलाशी के दौरान 48 लाख रुपये की ‘‘बेहिसाब'' नकदी और 1.73 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि, संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.


जांच में पाया गया कि ठेकेदार भारतीय रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (इरकॉन) द्वारा जारी कथित ‘‘फर्जी'' कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को ‘‘रिश्वत'' देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे.

ईडी ने कहा, ‘‘कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन की हेराफेरी में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की.''

उल्लेखनीय हो कि ईडी की यह कार्रवाई राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पद्मचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य लोग अवैध संरक्षण, निविदा प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने तथा अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिए लोक सेवकों को ‘‘रिश्वत देने'' में शामिल थे.

केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान में राज्य पीएचईडी क्रियान्वित कर रहा है.

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