![ED ने जब्त की बाबूलाल कटारा और बेटे दीपेश कटारा की संपत्ति, जानें क्या-क्या हो गया सीज ED ने जब्त की बाबूलाल कटारा और बेटे दीपेश कटारा की संपत्ति, जानें क्या-क्या हो गया सीज](https://c.ndtvimg.com/2024-03/9h6cj3v_babulal-katara_625x300_13_March_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Babulal Katara Property Seized: राजस्थान पेपर लीक मामले (Paper Leak Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा की संपत्ति की छानबीन करते हुए ईडी ने कई संपत्तियों को जब्त कर लिया है. ईडी ने बाबूलाल कटारा और उनके बेटे दीपेश कटारा की संपत्ति को जब्त किया है. बाबूलाल कटारा और उनके बेटे दीपेश के पास करोड़ों की संपत्ति है.
आरपीएससी पेपर लीक केस को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम आज बुधवार (13 मार्च) को डूंगरपुर पहुंची. जहां ईडी ने आरपीएससी के पूर्व मेंबर बाबूलाल कटारा समेत उसके बेटे की संपत्तियों को अटैच करते हुए सीज कर लिया.
लोकल पुलिस के साथ ईडी ने की कई ठिकानों पर छापेमारी
ईडी अधिकारियों की एक टीम में 3 से 4 अधिकारी डूंगरपुर पहुंचे. ईडी ने पहले लोकल पुलिस का सहयोग मांगा. इसके बाद मुख्य आरोपी बाबूलाल कटारा और उसके बेटे दीपेश कटारा की संपत्ति की डिटेल लिस्ट लेते हुए ठिकानों पर पहुंची. ईडी के अधिकारी अस्पताल रोड पर एक भूखंड पर पहुंची. वहां से संपत्ति को सीज करना शूरू किया.
कौन-कौन सी संपत्ति हुई सीज
ईडी ने अस्पता रोड के एक 1330 वर्ग फीट का वाणिज्यिक भूखंड पर संपति सीज का बोर्ड लगा दिया. इसके बाद टीम मालपुर में 3 बीघा 3 बिस्वा, मालपुर में 16 बिस्वा और मालपुर में ही 0.2 हेक्टेयर कृषि भूमि को सीज किया. भाटपूर में एक बीघा 12 बिस्वा कृषि भूमि समेत उनकी पांच प्रॉपर्टी को सीज करने की कार्रवाई की गई है. जिनकी बाजार की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. हालांकि ईडी के अधिकारियों की ओर से कार्रवाई को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है.
आरपीएससी ने 9 महीने पहले बाबूलाल कटारा को अजमेर से गिरफ्तार किया था. आरपीएससी पेपर लीक केस के खुलासे के बाद 9 महीने पहले मुख्य आरोपी बाबूलाल कटारा, उसके भांजे विजय डामोर और ड्राइवर को अजमेर से गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद एसओजी और ईडी की टीम मामले में आगे की छानबीन कर रही है.
बता दें, अक्टूबर 2020 में गहलोत सरकार ने बाबूलाल कटारा को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनने के लिए की सिफारिश की थी. राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने कटारा को आरपीएससी के सदस्य के रूप में नियुक्ति प्रदान की. इस नियुक्ति के पीछे गहलोत सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग को खुश करना था.
यह भी पढ़ेंः कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा से पूछताछ कर रहे एसीबी के अधिकारी, जानें क्या है पूरा मामला?