
Madan Dilawar: शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर आज रामगंज मंडी में होली मिलन समारोह में शामिल होने के लिए कोटा स्थित अपने आवास से निकले, लेकिन अचानक मंडाना ग्राम पंचायत की ओर मुड़ गए. उनके काफिले के गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए. ग्रामीणों ने मंत्री से गांव में सफाई नहीं होने की शिकायत की और सरपंच के खिलाफ नाराजगी जताई.
सूचना मिलते ही सरपंच संतोष मेवाड़ा मौके पर पहुंचीं. मंत्री मदन दिलावर ने गांव की गंदगी को लेकर सरपंच से कड़े सवाल किए. जब सरपंच ने सफाई न होने का कारण अधिकारियों की लापरवाही बताया, तो मंत्री ने कहा कि जब सफाई हुई ही नहीं तो अधिकारी मस्टर रोल कैसे भरेंगे?
उन्होंने सरपंच से कहा कि यदि ठेकेदार सफाई का काम नहीं कर रहा है तो उसे तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाए. इसके साथ ही, टूटी नालियों की शिकायत पर मंत्री ने ग्राम विकास अधिकारी से फोन पर बात की और जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए.
'अगर आठ दिन के भीतर गांव की सफाई नहीं हुई...'
मंत्री मदन दिलावर ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर आठ दिन के भीतर गांव की सफाई नहीं हुई, तो सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छता को लेकर गंभीर है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मंत्री के कड़े तेवर देखकर अधिकारी और सरपंच सकते में आ गए.
''सफाई कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी दी जाए''
सरपंच संतोष मेवाड़ा ने सफाई कर्मचारियों द्वारा काम न करने की शिकायत की, जिस पर मंत्री ने पूछा कि उन्हें कितनी सैलरी दी जाती है. सरपंच ने जवाब दिया कि उन्हें केवल 1400 रुपये महीने मिलते हैं. यह सुनकर मंत्री ने नाराजगी जताई और कहा कि इतनी कम सैलरी में कोई भी सफाई कर्मचारी अपना परिवार कैसे चलाएगा?
उन्होंने बताया कि सरकार ने 9000 रुपये महीना वेतन तय किया है, जिसमें आठ घंटे काम करना अनिवार्य है. मंत्री ने निर्देश दिए कि सफाई कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी दी जाए, छुट्टी के दिन ओवरटाइम का भुगतान किया जाए, ताकि वे ईमानदारी से अपना काम कर सकें.
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