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EXPLAINER: जयपुर शहर की सियासी फिज़ा में है राजस्थान की सत्ता की चाबी, इन 8 सीटों से समझें पूरा गणित

जयपुर प्रदेश की राजनीति का केंद्र है.शहर की 8 सीटों पर जीत-हार प्रदेश की सियासत में अहम किरदार अदा करती है.

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EXPLAINER: जयपुर शहर की सियासी फिज़ा में है राजस्थान की सत्ता की चाबी, इन 8 सीटों से समझें पूरा गणित
जयपुर शहर की सियासी फिज़ा प्रदेश की सत्ता भी तय करती है

Jaipur Political Scenario: प्रदेश की राजधानी जयपुर वैसे तो सूबे का सियासी केंद्र बिंदु है ही. लेकिन शहर के अंदर की सियासी फिज़ा प्रदेश की सत्ता भी तय करती है. यहां जो बाज़ी ले जाता है, वहीं सत्ता की सीढियां चढ़ता है. जयपुर शहर में 8 विधानसभा सीटें सिविल लाइंस, आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, मालवीय नगर, विद्याधर नगर, बगरू और सांगानेर हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पांच सीटें जीती थी. वहीं, भाजपा के खाते में 3 सीटें गई थीं. 

सिविल लाइंस में खाचरियावास बनाम शर्मा 

सिविल लाइंस सीट से कांग्रेस ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है, वे पिछली बार भी यहां से जीते थे. भाजपा ने यहां अपना नया प्रत्याशी उतारा है. गोपाल शर्मा यहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं. यह सीट ब्राह्मण बाहुल्य है. राजपूत, वैश्य, मुस्लिम एवं माली वोटर भी इस सीट पर अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. 

आदर्श नगर में भाजपा ने संघ करीबी को बनाया उम्मीदवार 

वहीं, आदर्श नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने विधायक रफीक खान पर भरोसा जताया है. भाजपा ने इस सीट पर भी अपना प्रत्याशी बदला है और रवि नैय्यर को उम्मीदवार बनाया है. रवि नैय्यर को संघ का क़रीबी माना जाता है. यह विधानसभा सीट वैश्य और मुस्लिम बाहुल्य है, यहां पर पंजाबी और सिंधी सिख वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. ब्राह्मण और दलित वोटर भी यहां जीत-हार के समीकरण तय करते हैं. 

कांग्रेस ने हवामहल सीट से मंत्री महेश जोशी के का टिकट काट कर आरआर तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है. तिवाड़ी पुराने कांग्रेसी हैं. वो पार्टी के जयपुर जिला अध्यक्ष भी हैं. वहीं, भाजपा ने बालमुकुंद आचार्य को मैदान में उतारा है. बालमुकुंद आचार्य महंत हैं. भाजपा इस सीट पर 'भगवा' के सहारे है.

जोशी का टिकट कटा, भाजपा से मैदान में महंत

हवामहल सीट से भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने नए उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने मंत्री महेश जोशी के का टिकट काट कर आरआर तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है. तिवाड़ी पुराने कांग्रेसी हैं. वो पार्टी के जयपुर जिला अध्यक्ष भी हैं. वहीं भाजपा ने बालमुकुंद आचार्य को मैदान में उतारा है. बालमुकुंद आचार्य महंत हैं. भाजपा इस सीट पर 'भगवा' के सहारे है. इस सीट पर ब्राह्मण-मुस्लिम वोटर लगभग बराबर की संख्या में हैं. इसके अलावा वैश्य, दलित, सिंधी, माली और राजपूत वोटर भी जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं.

किशनपोल में कागजी के सामने बटवाड़ा

किशनपोल सीट की बात करें तो यहां से कांग्रेस ने विधायक अमीन कागजी को कांग्रेस ने एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है. कागज़ी पिछले विधानसभा चुनाव करीब 700 वोटों के अंतर से ही जीते थे. उन्होंने भाजपा के मोहनलाल गुप्ता को हराया था. किशनपोल सीट पर भाजपा ने नए प्रत्याशी चंद्रमोहन बटवाड़ा को उम्मीदवार बनाया है. यह प्रदेश में सबसे कम वोटर वाली विधानसभा सीट है. यहां मुस्लिम वोटर के साथ-साथ वैश्य वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. इसके अलावा ब्राह्मण और दलित वोटर जीत हार के समीकरण तय करते हैं. 

मालवीय नगर सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने अपने पुराने प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है. भाजपा ने विधायक कालीचरण सर्राफ और कांग्रेस ने अर्चना शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से भाजपा लगातार जीतती रही है, ऐसे में कांग्रेस के लिए उनका किला भेदना एक चुनौती है.

मालवीय नगर में तीसरी बार अर्चना बनाम सर्राफ 

मालवीय नगर सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने अपने पुराने प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है. भाजपा ने विधायक कालीचरण सरार्फ और कांग्रेस ने अर्चना शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर ब्राह्मण और वैश्य वोटरों की बड़ी संख्या है. दलित, माली और कुमावत यहां पार्टियों के समीकरण बनाते-बिगाड़ते हैं. इस सीट से भाजपा लगातार जीतती रही है, ऐसे में कांग्रेस के लिए उनका किला भेदना एक चुनौती है. अर्चना शर्मा को कांग्रेस ने तीसरी बार यहां से टिकट दिया है. वो दो बार इसी सीट से हार चुकी हैं. 

विद्याधर नगर में मैदान में दीया कुमारी, राजवी का टिकट कटा 

शहर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट की इस बार बहुत चर्चा है. विद्याधर नगर सीट पर भाजपा ने सिटिंग विधायक नरपतसिंह राजवी का टिकट काट कर सांसद दिया कुमारी को उम्मीदवार बनाया है. नरपत सिंह राजवी भूतपूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के दामाद हैं. राजवी के टिकट काटने की काफी चर्चा हुई थी.

किशनपोल सीट पर भाजपा ने नए प्रत्याशी चंद्रमोहन बटवाड़ा को उम्मीदवार बनाया है. यह प्रदेश में सबसे कम वोटर वाली विधानसभा सीट है. यहां मुस्लिम वोटर के साथ-साथ वैश्य वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. इसके अलावा ब्राह्मण और दलित वोटर जीत हार के समीकरण तय करते हैं. 

हालांकि भाजपा ने राजवी को चुनाव लड़ने चित्तौड़गढ़ भेज दिया. कांग्रेस ने यहां से सीताराम अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है. यह सीट भाजपा का गढ़ रही है. इस बार उम्मीदवार बदलने से भाजपा में शुरुआती विरोध हुआ था, लेकिन पार्टी ने उसे शांत कर लिया. यह सीट ब्राम्हण, राजपूत बाहुल्य है. यहां वैश्य, दलित, माली और कुमावत वोटर भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

सांगानेर में भारद्वाज दूसरी बार मैदान में 

सांगानेर से भाजपा ने सिटिंग विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने एक बार फिर से पुष्पेंद्र भारद्वाज को चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर भी ब्राह्मण मतदाता सबसे बड़ी संख्या में हैं. वैश्य, दलित और सिंधी मतदाताओं की भी अच्छी खासी संख्या है. इस सीट पर स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा काफी अहम हो गया है. भजनलाल शर्मा जयपुर के बाहर के रहने वाले हैं. 

बगरू में मुकाबला पिछले चुनाव जैसा 

बगरू सीट से दोनों पार्टियों ने अपने पुराने उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. यहां ब्राह्मण वोटर बड़ी संख्या में हैं, वहीं, इस सीट पर दलित वोटर भी अच्छी खासी तादाद में हैं. दलितों में बलई सबसे अधिक हैं. भाजपा ने कैलाश वर्मा और कांग्रेस ने विधायक गंगा देवी को उम्मीदवार बनाया है.

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