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This Article is From Oct 03, 2023

Rajasthan: शव लेकर भागे ग्रामीण, पीछे पुलिस ने लगाई दौड़, तनातनी के बाद 4 वादों से बनी सहमति

रणथंभौर में एक चरवाहे की टाइगर के हमले में मौत हो गई, जिसके बाद बीजेपी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर धरना दिया. इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा की मदद से 4 मांगों पर सहमति बन गई.

Rajasthan: शव लेकर भागे ग्रामीण, पीछे पुलिस ने लगाई दौड़, तनातनी के बाद 4 वादों से बनी सहमति
धरने पर बैठे ग्रामीण.

Rajasthan News: राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक चरवाहे की मौत मंगलवार को चर्चाओं का विषय बनी रही है. इस दौरान ग्रामीणों का सड़क जाम, पुलिस बल की तैनाती, बीजेपी के राज्यसभा सांसद का मौके पर पहुंचना और फिर पुलिस के बीच तनातनी, ये सब देखा गया. लेकिन अंत में 4 वादों के साथ सहमति बन गई, तब जाकर पुलिस के माथे से चिंता की लकीर दूर हुई.

टाइगर अटैक में चरवाहे की मौत

ये मामला सोमवार के दिन उस वारदात के बाद शुरू हुआ जब रणथंभौर में बकरी चराने गए स्थानीय निवासी बाबूलाल गुर्जर पर टाइगर ने हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई. शाम तक जब बाबूलाल वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने ग्रामीणों के जाकर रणथंभौर में तलाश शुरू की और कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें चरवाहे का शव बरामद हुआ. इस घटना से ग्रामीणों में काफी गुस्सा था. इसी के चलते मंगलवार सुबह से ही सभी ग्रामीण बाबूलाल गुर्जर का शव लेकर कुंडेरा-श्यामपुरा मार्ग पर पहुंच गए और वहां सड़क पर शव रखकर धरना देने लगे. इस दौरान वहां लंबा जाम लग गया. जिस कारण वहां माहौल तनावपूर्ण होने लगा. 

धरने पर बैठ गए थे किरोड़ी लाल

जैसे ही इसकी सूचना पुलिस विभाग तक पहुंची तो बिना देरी अफसर मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाकर धरना खत्म करने की कोशिश करते रहे. लेकिन ग्रामीणों की मांग थी कि मृतक चरवाहे के परिजनों को 50 लाख रुपए आर्थिक मुआवजे के रूप में प्रदान किए जाए. इसके साथ ही मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. वरना धरना जारी रहेगा. कुछ ही देर में राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष भवानी सिंह मीणा और आशा मीणा सहित कई भाजपा नेता भी मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों के साथ धरना देने लगे. 

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कलेक्ट्रेट की और जा रहे थे ग्रामीण

मौके पर मौजूद स्थानीय संवाददाता ने बताया कि सुबह सवेरे से शव को लेकर ग्रामीण खवा गांव में ही बैठे हुए थे. लेकिन तभी अचानक पिकअप में शव को रखकर ग्रामीण सवाई माधोपुर जिला कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हो गए. ये देखकर पुलिस भी हरकत में आई और ग्रामीणों के पीछे-पीछे दौड़ लगा दी, और रावल गांव के पास आकर गाड़ी को रोक लिया गया. इस दौरान पुलिस व ग्रामीणों की जमकर तनातनी भी देखने को मिली. बस फिर ग्रामीणों ने रावल गांव के पास ही शव को सड़क पर रख दिया, और सड़कें जाम कर वहीं बैठ गए, जिससे सवाई माधोपुर-कुंडेरा श्यामपुरा मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया. 

4 वादों पर बनी आपसी सहमति

इसके बाद किरोड़ी लाल मीणा ने आंदोलन का नेतृत्व करते हुए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी तथा रणथंभौर नेशनल पार्क के उपवन संरक्षक मोहित गुप्ता से बातचीत की. जिसके बाद 5 बीघा जमीन, डेयरी बूथ, संविदा पर मृतक के आश्रित को नौकरी तथा 18 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिए जाने की मांग पर आपस में सहमति बन गई. बस तब जाकर ग्रामीणों ने जाम हटा दिया तथा शव को अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया.

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