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This Article is From Oct 07, 2023

कृषि उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा, लेकिन किसानों की भागीदारी नगण्य, तकनीक का लाभ उठाएं किसान: धनखड़

उपराष्ट्रपति ने कहा, मैं मेरे किसान भाइयों से आग्रह करूंगा, उनको तकनीक का पूरा फायदा उठाना चाहिए. आपके उत्पादन की अगर गुणवत्ता बढ़ती है, तो उसका मूल्य कई गुना होता है.

कृषि उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा, लेकिन किसानों की भागीदारी नगण्य, तकनीक का लाभ उठाएं किसान: धनखड़

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को जोधपुर के दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के अलावा काजरी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का भी दौरा किया. धनखड़ ने काजरी में कृषि वैज्ञानिकों किसानों से संवाद किया. उप-राष्ट्रपति जोधपुर एयरपोर्ट से सीधा काजरी पहुंचे. यहां काजरी के खेल प्रांगण में होने वाले कार्यक्रम में शामिल हुए. काजरी के निदेशक ओपी यादव और उनकी टीम के द्वारा काजरी में किए गए नवाचारों से लेकर अब तक की गतिविधियों के बारे में उपराष्ट्रपति को अवगत भी कराया.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों से तकनीक का पूरा फायदा उठाने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि कृषि उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा है, लेकिन इसमें किसानों की भागीदारी पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्‍य में उनकी यात्राएं मुख्यतः कृषि संबंधी संस्थानों और किसानों के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई हैं. वह सूरतगढ़ स्थित केंद्रीय राज्य फार्म में एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

धनखड़ ने कहा कि कृषि उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा है, लेकिन इसमें किसानों की भागीदारी पर्याप्त नहीं है. उन्होंने किसान को कृषि उत्पादकों के व्यापार पर यथाउचित स्थान तथा कृषि सम्बंधित अनुसंधान व विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जिससे किसानों को समृद्धि की दिशा में अग्रसर करने और देश के निर्यात क्षेत्र में नए पीढ़ियों को अवसर मिले.

उपराष्ट्रपति ने कहा, मैं मेरे किसान भाइयों से आग्रह करूंगा, उनको तकनीक का पूरा फायदा उठाना चाहिए. आपके उत्पादन की अगर गुणवत्ता बढ़ती है, तो उसका मूल्य कई गुना होता है. पर आप तक फायदा तब आयेगा जब उत्पादन के साथ उसकी मार्केटिंग और निर्यात में आपकी भागीदारी हो. देश के आर्थिक विकास पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों के प्रयासों के कारण ही भारत पांचवी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनी है.

बयान के मुताबिक राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्राएं मुख्यतः कृषि संबंधी संस्थानों और किसानों के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा, जब वह किसान के विकास के लिए काम कर रहे हैं तो कुछ लोगों को किस बात की आपत्ति व परेशानी हो रही है. धनखड़ की इस टिप्पणी को एक तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उन टिप्पणियों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है जो उन्होंने उपराष्ट्रपति के बार-बार राज्य के दौरे पर आने को लेकर की थी.

वहीं, गहलोत ने इस बारे में पूछे जाने पर शनिवार को मीडिया से कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा था सोच समझकर कहा था. उन्होंने कहा कि वे धनखड़ का 'उच्चतम सम्मान' करते हैं. गहलोत ने कहा, उनके प्रति उच्‍चतम सम्‍मान है. उनके परिवार से हमारे 50 साल के संबंध हैं. मैंने जो कहा सोच समझकर कहा जो मैंने कहा उसका मतलब क्‍या है ये वह भी समझ गए, मैं भी समझ गया...पब्लिक भी समझ गई.

उपराष्ट्रपति धनखड़ व उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने गोगामेड़ी में श्री गोगा जी महाराज मंदिर में दर्शन किये. उपराष्ट्रपति ने बाद में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर में आयोजित एक अन्य संगोष्ठी में भाग लिया। उन्होंने कहा कि किसान ने जिस दिन कृषि उत्पादों के व्यापार को अपने कब्जे में ले लिया, अपना वाजिब हिस्सा लिया, मान कर चलिए, बहुत बड़ा बदलाव आएगा.

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