सर्दी हो या गर्मी, सुबह पेट का ठीक से साफ नहीं होना सबसे बड़ी परेशानी है. कब्ज सिर्फ पाचन को बिगाड़ती नहीं, बल्कि आयुर्वेद के अनुसार यह त्रिदोष असंतुलन, भूख में कमी, गैस, शरीर में भारीपन, त्वचा की सुस्ती और तनाव तक पैदा कर सकती है. ऐसे में रात में कुछ बहुत ही सरल आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप सुबह की पाचन क्रिया को स्वाभाविक और आसान बना सकते हैं.
1 चम्मच देशी गाय का घी
सोने से 30 मिनट पहले 1 चम्मच देशी गाय का घी गुनगुने पानी के साथ लेना भी बेहद फायदेमंद है. यह आंतों को लुब्रिकेट करता है, और सुबह मल त्याग को आसान बनाता है. वैद्य इसे स्नेह-पान की सूक्ष्म मात्रा कहते हैं, जो नींद, पाचन और सफाई तीनों में मदद करती है.
त्रिफला पाचन को डिटॉक्स देती है
त्रिफला रात में लेने पर पाचन को हल्का डिटॉक्स देती है. यह पेट को अपनी प्राकृतिक गति से काम करने में मदद करती है. आधा चम्मच त्रिफला गर्म पानी के साथ लेने से सुबह पेट खुद साफ हो जाता है. इसके अलावा, गुनगुने पानी में भिगोए 4 मुनक्का भी आंतों को कोमल बनाते हैं और सुबह मल को आसानी से निकालने में मदद करते हैं.
कब्ज के लिए आयुर्वेद में हरड़ को 'विष्टम्भ नाशिनी' कहा गया है. रात में हल्का सा चूर्ण या गोलियां लेने से कोलन की गति संतुलित रहती है. सोने से पहले पेट पर 10 मिनट की हल्की मालिश भी अच्छी होती है, खासकर बाएं-निचले पेट पर.
सोते समय सिरहाने पर 1 इलायची रख सकते हैं
आयुर्वेद का नियम है कि रात 8 बजे तक हल्का, गर्म और आसानी से पचने वाला खाना ही पेट की सुबह की सफाई में मदद करता है. आप चाहें तो सोते समय सिरहाने 1 इलायची रख सकते हैं. इसकी सुगंध दिमाग को आराम देती है और पाचन तंत्र को खोलती है.
समय पर भोजन और गहरी नींद हो
इन उपायों को अपनाने से 2-3 दिन में हल्कापन महसूस होता है, 5-7 दिन में सुबह की दिनचर्या स्वाभाविक हो जाती है और 15 दिन में पाचन और चयापचय दोनों बेहतर हो जाते हैं. जब पेट के अन्न उपाय सही हों, आंतें पर्याप्त लुब्रिकेटेड हों, भोजन समय पर हो और नींद गहरी हो, तभी सुबह पेट सहज रूप से साफ होता है.
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