
Rajasthan News: राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने रविवार को हिंडौली (Hindoli) में एक कार्यक्रम के दौरान बिना नाम लिए भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य (Balmukund Acharya) पर निशाना साधा. अपने एक्स अकाउंट पर उस बयान का वीडियो शेयर करते हुए चांदना ने लिखा, 'हमने गुलामी की जंजीरें भी मिलकर तोड़ी थीं. अब नफरत की दीवार भी साथ मिलकर गिराएंगे.'
'बालमुकुंद आचार्य को कहा चवन्ना आदमी'
57 सेकेंड के वीडियो में चांदना कह रहे हैं- 'एक बीजेपी के विधायक हैं. वो चवन्ना आदमी मस्जिद के बाहर जाकर नारे लगाने लग गया. आप क्या दंगे कराना चाहते हैं? आप क्या लोगों को आपस में लड़वाना चाहते हैं? ताकि दंगों की आग लगे और आप राजनीतिक रोटियां सेंक सको. लेकिन मैं आज इस कार्यक्रम में आए युवाओं से पूछना चाहता हूं कि 10 लोगों की राजनीतिक रोटियां सिक जाएंगी, लेकिन वहां किसी गरीब का फलों का ठेला होगा, किसी की सब्जी की दुकान होगी, जब वो जल जाएंगी तो उसका कौन होगा? आग लगने से किसी का मकान चल जाए तो उसका कौन होगा.'
हमने गुलामी की जंजीरें भी मिलकर तोड़ी थीं,
— Ashok Chandna (@AshokChandnaINC) May 4, 2025
अब नफरत की दीवार भी साथ मिलकर गिरायेंगे pic.twitter.com/QXD5ougj2h
25 अप्रैल की देर रात जयपुर में हुआ था विवाद
दरअसल, 25 अप्रैल की रात जयपुर में बड़ी चौपड़ के पास पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध रैली निकाली जा रही थी. इसी दौरान हवा महल विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कथित तौर पर जामा मस्जिद के बाहर और आसपास के इलाकों (बड़ी चौपड़ के पास फुटपाथ, रामगंज बाजार और सार्वजनिक शौचालयों) में पोस्टर चिपकाने से विवाद हो गया. विवादित पोस्टरों में कथित तौर पर संदेश था, "कौन कहता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता?" पोस्टर में एक दाढ़ी वाला व्यक्ति भी दिखाया गया था. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और सांप्रदायिक नारेबाजी करने लगे. इसके तनाव बढ़ गया.
बालमुकुंद आचार्य पर थाने में दर्ज हुई थी FIR
पोस्टर चिपकाने के बाद विधायक वहां से चले गए, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे. लोगों ने आरोप लगाया कि यह जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बढ़ते तनाव को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया. वहीं जामा मस्जिद कमेटी ने विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ माणकचौक थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया.
'कब्जे वाले एक बरामदे के पायदान पर पोस्टर लगाए'
FIR दर्ज होने पर बालमुकुंद आचार्य ने कहा था, 'जो FIR दर्ज हुई है, उसकी जांच होगी. मैं उसका विरोध नहीं करूंगा. इस देश का संविधान हर शख्स को अपनी बात कहने और आपत्ति होने पर शिकायत दर्ज कराने का अधिकार देता है. हम संविधान को मानने वाले लोग हैं, न कि संविधान की किताब लेकर घूमने वाले. धीरे-धीरे ये जानकारी सामने आने लगा है कि जहां पोस्टर लगाए गए और नारेबाजी हुई, मस्जिद वहां से बहुत दूर थी. हमने सिर्फ कब्जे वाले एक बरामदे के पायदान पर पोस्टर लगाए हैं. ये पोस्टर हमने मंदिर और गुरुद्वारे पर भी पोस्टर लगाए हैं. पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद की नारेबाजी से किसके पेट में दर्द हो रहा है? मैं चाहता हूं वो सामने आए और बताए कि उसे क्या तकलीफ है.'
ये भी पढ़ें:- सांसद-विधायकों की स्पेशल ट्रेनिंग वर्कशॉप में हिस्सा लेंगे राजस्थान CM, आज गुजरात के लिए होंगे रवाना
ये VIDEO भी देखें