
Gangaur Festival in Rajasthan: गीत-संगीत के माहौल में 18 दिवसीय ईसर-गणगौर पूजन का विशेष उत्साह देखने को मिल रहा हैं. चूरू में भी पर्व का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है. अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना के लिए नवविवाहिताएं गणगौर पूजन में जुटी हुई हैं. वहीं, कन्याएं अच्छे वर के लिए पूजा कर रही हैं. आमतौर पर इस त्यौहार को 16 दिन का माना जाता है, लेकिन इस बार यह त्यौहार 18 दिन का मनाया जा रहा है. शादी के जोड़े और परम्परागत परिधानों में 16 श्रृंगार किए हुए गणगौर पूजने वाली नवविवाहिताएं, युवतियां और महिलाएं गणगौर महोत्सव को बड़ी धूमधाम के साथ मना रही है.
31 मार्च तक हर शाम जल में विसर्जित होंगे गणगौर
गणगौर पूजन कर रही ऐसी ही नवविवाहिता प्रीति जांगिड़ बताया कि शीतलाष्टमी से ही मिट्टी की गणगौर बनाकर पूजन प्रारंम्भ कर दिया है. आज सुबह गीत गाते हुए माली की बाड़ी में पहुंची और वहां पर गणगौर बनाकर अपने घर लेकर आई है. आज से हर दिन पूजन के बाद 31 मार्च शाम इन्हें जल में विसर्जित कर दिया जाएगा.
रात में नृत्य कार्यक्रम का होता है आयोजन
दरअसल, गणगौर को पार्वती और ईसर को शिवजी का प्रतीक मानकर यह पूजन किया जाता है. अब घर घर जाकर गणगौर की बिंदोरी निकाली जा रही है और घरों में लोकगीत गाए जा रहे हैं. वहीं, रात में युवतियां और महिलाएं मिलकर नृत्य कार्यक्रम आयोजित कर गणगौर महोत्सव का आनंद ले रही है.
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