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Gaurav Vallabh Profile: हाजिर जवाब, चुटीला अंदाज, बेहतरीन प्रवक्ता और बेबाक बहस से अपनी पहचान बनाने वाले गौरव वल्लभ अब कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं. इन्हें अक्सर आपने टीवी पर डिबेट शो में बीजेपी प्रवक्ताओं से वन टू वन करते देखा होगा. फैक्ट्स और आर्थिक मुद्दों की अच्छी समझ रखने वाले गौरव वल्लभ सोशल मीडिया पर अपने बयानों और डिबेट शो की वजह से छाए रहते हैं. ट्रिलियन में जीरो गिनने की बात हो या रोजगार के रोडमैप की, इकॉनमी से जुड़े मुद्दों पर गौरव ने राजनीति के मैदान में एक ऐसा मुकाम हासिल किया जिसने गौरव वल्लभ को एक नई पहचान दी. और शायद उसकी पहचान की वजह से गौरव के कंधों पर आज ये नई जिम्मेदारी है.
कांग्रेस के सनातन विरोधी रवैये के कारण छोड़ी पार्टी
दरअसल कांग्रेस के तेज-तर्रार प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है. उनका कहना है कि उन्होंने कांग्रेस के सनातन विरोधी रवैये के कारण पार्टी छोड़ी. राजनीति में अक्सर ऐसा होता है जो कि काफी आम है. लेकिन बात यहां पार्टी बदलने की नहीं.बात गौरव वल्लभ के उस व्यक्तित्व की है, जिससे उन्हें जाना जाता है.
पिछले साल उदयपुर से विधानसभा चुनाव में मिली थी हार
गौरव कांग्रेस पार्टी की टिकट से दो बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पिछले साल राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में गौरव वल्लभ उदयपुर सीट से लड़े थे. लेकिन उन्हें हार मिली थी.
ट्रिलियन में कितने जीरो होते है... सवाल से हुए थे चर्चित
गौरव वल्लभ ने एक डिबेट शो में बीजेपी प्रवक्ता से पूछा था कि ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं. भाजपा के प्रवक्ता इसका जवाब नहीं दे सके. वल्लभ का यह वीडियो खूब वायरल हुआ था. इसके बाद इकोनॉमी की क्लास लेने वाले वल्लभ टीवी डिबेट पर भाजपा नेताओं का क्लास लेते नजर आने लगे. लेकिन अब वो भाजपा में शामिल हो चुके है. उम्मीद जताई है कि जल्द ही वो टीवी पर भाजपा के लिए डिबेट करते नजर आएंगे.
पेशे से चार्टड अकाउंटेंट हैं गौरव वल्लभ
गौरव पेशे से चार्टड अकाउंटेंट हैं. वो इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर भी रह चुके हैं. साल 1977 में जन्मे गौरव मूल तौर पर जोधपुर के रहने वाले हैं. गौरव की प्रतिभा कॉलेज के दौरान ही दिखने लगी. कॉलेज में वो गोल्ड मेडलिस्ट रहे, इसके अलावा वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताओं में भी गौरव को कोई पछाड़ नहीं पाता था.
मजाक उड़ाने के बदले सहजता से तर्क रखने वाले प्रवक्ता
कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके गौरव की गजब की तर्कशक्ति और लोकप्रियता के चलते ही बिना राजनीतिक बैकग्राउंड के कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रवक्ता बनाया. गौरव की खासियत है विरोधी पार्टी का मजाक उड़ाने वाली मौजूदा मानसिकता से अलग गौरव अपने तर्क काफी सहजता से रखते हैं. और यही उनकी USP भी मानी जाती है. गौरव की अर्थव्यवस्था पर मजबूत पकड़ है. वे मधु कोड़ा (Madhu Koda) के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी झारखंड सरकार के वित्त सलाहकार रह चुके हैं.
गौरव वल्लभ का सियासी करियर
गौरव वल्लभ के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो 2019 में उन्होंने पहली बार झारखंड के जमशेदपुर ईस्ट से तत्कालीन सीएम रघुबर दास के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इसके बाद 2023 में उन्होंने राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उदयपुर से चुनाव लड़ा था. हालांकि दोनों जगहों पर गौरव वल्लभ को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन इससे गौरव की लोकप्रियता में कमी नहीं आई. लेकिन पिछले 6 महीने के दौरान सियासी समीकरण कुछ ऐसे बदले कि कांग्रेस की मानसिकता से इनका मोह भंग हो गया और इन्होंने बीजेपी का दामन थामना ही सही समझा.
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