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This Article is From Feb 03, 2024

Lok Sabha Election 2024: 'अनाथ' हो चुके बाड़मेर कांग्रेस संगठन के लिए अहम हो सकता है पीसीसी चीफ, प्रभारी और नेता प्रतिपक्ष का दौरा

Rajasthan Politics: कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं का बाड़मेर का दौरा 'अनाथ' हो चुके बाड़मेर के कांग्रेस संगठन के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.

Lok Sabha Election 2024: 'अनाथ' हो चुके बाड़मेर कांग्रेस संगठन के लिए अहम हो सकता है पीसीसी चीफ, प्रभारी और नेता प्रतिपक्ष का दौरा
राजस्थान पीसीसी चीफ, प्रभारी और नेता प्रतिपक्ष आज करेंगे बाड़मेर का दौरा.

Rajasthan News: राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शनिवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे. कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं का बाड़मेर का दौरा 'अनाथ' हो चुके बाड़मेर के कांग्रेस संगठन के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.

जिलाध्यक्ष तक का पद है खाली

विधानसभा चुनाव में शिव से टिकट की दावेदारी कर रहे जिलाध्यक्ष फतेह खान ने अमीन खान को 10 वीं टिकट देने की खिलाफत करते हुए पद से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में ताल ठोकी और रविंद्र सिंह भाटी से कड़ी टक्कर में महज 3300 वोट से चुनाव हार गए और कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री अमीन खान को तीसरे नंबर पर धकेल दिया.

पूर्व विधायक के रेपकांड के बाद संगठन भी बिखरा

बाड़मेर जिले में चुनाव से पहले संगठन में बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन का दबदबा था. बाड़मेर की राजनीति में उन्हें चाणक्य माना जाता था. जिला संगठन में कोई नियुक्ति हो या कोई बड़ा आयोजन हो, उसमें मेवाराम जैन ही लीडर होते थे. लेकिन पूर्व विधायक पर जोधपुर निवासी एक महिला ने रेप के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया और उसके बाद एक तथाकथित वीडियो भी वायरल हुआ. जिसको लेकर दावा किया गया की ये वीडियो पूर्व विधायक का है. इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्व विधायक मेवाराम जैन को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इस कारण बाड़मेर में कांग्रेस का जिला संगठन बिखर चुका है.

यहां कांग्रेस का मौन सत्याग्रह भी रहा फ्लॉप

कुछ दिन पहले असम में राहुल गांधी की न्याय यात्रा पर कांग्रेस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के आरोप लगाए थे, जिसके विरोध में कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था. बाड़मेर जिला मुख्यालय पर मौन सत्याग्रह किया गया था, जिसमें कार्यकर्ता तो दूर की बात, इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के जीते हुए जनप्रतिनिधि भी शामिल नहीं हुए थे. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले बड़े नेताओं का यह दौरा बाड़मेर के कांग्रेस संगठन के लिए काफी अहम माना जा रहा है.

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