विज्ञापन
Story ProgressBack

End of the Era of Greeting Cards: सोशल मीडिया की थपेड़ों में गुम हुआ भावनाओं का ज्वार

Greeting Cards Memories: आधुनिक युग ने ग्रीटिंग कार्ड का ही नहीं, बल्कि एक युग का भी अंत कर दिया है. करीब एक दशक तक नए साल की शुभकामनाओं का सबसे लोकप्रिय माध्यम रहे ग्रीटिंग कार्ड अब इतिहास बन गए हैं.

Read Time: 4 min
End of the Era of Greeting Cards: सोशल मीडिया की थपेड़ों में गुम हुआ भावनाओं का ज्वार
ग्रीटिंग कार्ड्स युग का अंत

End of the Era of Greeting Cards: न्यू ईयर सेलिब्रेशन में ग्रीटिंग कार्ड्स कभी भावनाओं के उदगार का माध्यम था, लेकिन समय बदला और उसकी जगह सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप ने ले ली हैं. भावनाओं को शब्दों में उड़ेलने के लिए ग्रीटिंग कॉर्ड्स प्रेमी-प्रेमिकाओं का माध्यम नहीं था, बल्कि ग्रीटिंग कॉर्ड्स भाई-बहनों के भावनाओं को भी एकदूसरे तक पहुंचाते थे.

आज की पीढ़ी भले ही ग्रीटिंग कार्ड की कीमत न समझती हो, लेकिन 90 के दशक के उन लोगों से पूछिए, जो अपने प्रियजनों से अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए साल भर इस दिन का इंतजार करते थे.

बदलते दौर में अब ग्रीटिंग कार्ड का अस्तित्व नहीं रहा, क्योंकि तकनीक ने चीजों को ही नहीं, बल्कि भावनाओं को भी दरकिनार कर दिया है, बदले हुए दौर में भावनाएं भेजना और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार करना खत्म हो गया है. भावनाओं को जाहिर करने और उसके प्रतिउत्तर में लगा वक्त नए रिश्तों का आयाम देती थीं, जिसका एक बेहतर माध्यम ग्रीटिंग कॉर्ड्स था.

Latest and Breaking News on NDTV

ग्रीटिंग कार्ड्स का जमाना गया, उसकी जगह सोशल मीडिया ने ली है. सोशल मीडिया ने सूचनाओं के संचार में गति जरूर प्रदान की है, लेकिन रिश्तों की गहराई को कम करने बड़ी भूमिका निभाई है. फटाफट मैगी पका करती है, रिश्तों के पकने में वक्त लगता है, लेकिन ये वक्त का शरमाया है कि अब तकनीकी युग में तेज भागते हुए भी किसी के पास वक्त नहीं है. 

नया साल 2024 भी इसकी चपेट में आ गया है. चारों ओर नए साल का जश्न तो दिख रहा है, लेकिन रूमानियत गायब है. व्हाट्सएप पर शुभकामनाओं के संदेश थोक में आते हैं, लेकिन गिरते ही वे वजूद खो देते हैं, उनमें भावनाओं का मखमली अहसास नहीं होता, वे कृत्रिम होते हैं.

वर्तमान में अपने प्रियजनों, परिचितों और प्रेयसी को शुभकामाएं भेजने के लिए इंटरनेट यूजर्स के पास अनगिनत माध्यम हैं, लेकिन उनमें भावनाएं मिसिंग होती हैं, लेकिन किसी दौर में भावनाओं को शेयर करने का माध्यम रहा ग्रीटिंग कॉर्ड्स वर्तमान में  जहन से ही नहीं, दुकानों से भी गायब है.

Latest and Breaking News on NDTV
आधुनिक युग ने ग्रीटिंग कार्ड का ही नहीं, बल्कि एक युग का भी अंत कर दिया है. करीब एक दशक तक नए साल की शुभकामनाओं का सबसे लोकप्रिय माध्यम रहे ग्रीटिंग कार्ड अब इतिहास बन गए हैं. दुकानों से अपने पसंदीदा ग्रीटिंग कार्ड खरीदकर अपने प्रियजनों के लिए भावनाएं जगाने के दिन गए, जिन्हें प्राप्तकर्ता वर्षों तक संजोकर रखेंगे.

सूचना क्रांति के दौर मोबाइल में सबकुछ बदल दिया है, इसने मोबाइल फोन को ही नहीं, इंसान को भी एडवांस बना दिया है. व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर फ़ोटो, वीडियो व टेक्स्ट मैसेज से बधाई देना आसान हो गया है. इसने मैसेज शेयरिंग तो आसान किया है, लेकिन रिश्तों के पैनेपन को दुश्कर बना दिया है. 

ये भी पढ़ें-New Year 2024: भारत में एक नहीं 5 बार मनाया जाता है न्यू ईयर..! जानें इस लीप ईयर कब-कब मनाया जाएगा नया साल

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close