Drug Smugglers: गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा रविवार को ड्रग तस्करों के खिलाफ की गई कार्यवाही के बाद 300 करोड़ की ड्रग्स एजेंसीयों बरामदगी के बाद एजेंसी एलर्ट मोड पर आ गई है. ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में गुजरात एटीएस और एनसीबी टीम ने कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था.
राजस्थान में पहली बार पकड़ा है ड्रग्स लैब
गौरतलब है गत रविवार को गुजरात एटीएस औ एनसीबी टीम की संयुक्त कार्रवाई करते हुए प्रदेश के सिरोही और ओसियां में एक ड्रग लैब पकड़ा था. यह पहली बार है जब राजस्थान में ड्रग्स लैब सामने आया है, जिसे एजेंसियां बड़े खतरे के रूप में देख रही है. एजेंसी के मुताबिक इससे पहले ड्रग तस्कर सोशल मीडिया के ब्लू ऐप के माध्यम से ड्रग्स मंगाते थे.
सिरोही और ओसियां में पकड़ा गया तस्करों ड्रग्स लैब
एनसीबी ज्वाइंट डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि जिस प्रकार से सिरोही और ओसियां में ड्रग्स माफिया द्वारा लैब लगाई गई थी वह एक चिंता का विषय है. 300 करोड़ रुपए की ड्रग बरामदगी पर टीम को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, समय रहते उन्होंने सेंपलिंग लेकर खुलासा कर दिया कि किस तरह से इन लैब में ड्रग्स तैयार होती थी.
उदयपुर और जोधपुर में स्थापित होगी आधुनिक फॉरेंसिक यूनिट
ज्वाइंट डायरेक्टर सोनी ने कहा कि, हम सरकार से मांग करेंगे किउदयपुर और जोधपुर में आधुनिक फॉरेंसिक यूनिट की स्थापना की जाए, ताकि ड्रग माफियाओं पर नकेल कसी जा सके. वहीं, ड्रग तस्करों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और गूगल मैप्स की सहायता ली जाएगी.
लैब लगाने में जगदीश विश्नोई व कुलदीप का अहम रोल
एनसीबी ज्वाइंट डायरेक्टर ने कहा कि पहले तो ओसियां व सिरोही में पकडे गए लोगो के तार आपस में जुडे है. दोनो ही जगहों पर लैब लगाने में जगदीश विश्नोई व कुलदीप का अहम रोल रहा है, जबकि गुजराती मनोहर को मास्टर माइंड बताया है, जिनस दोनों सप्लाई ले रहे थे.
सिरोही से बरामद की गई एमडी ड्रग्स
एनसीएफ की टीम ने खुलासा किया कि एमडी ड्रग्स सिरोही में तो बरामद हुई है और ओसिया में भी प्रोडेक्शन की टैस्टिंग हो चुकी थी और समय रहते कार्रवाई नही होती, तो हो सकता था कि एमडी तैयार कर बाजार में युवाओं तक पहुंच जाती, लेकिन समय रहते कार्यवाही हो गई.
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