Gulle Ki Beri Hi-Tech Panchayat Bhawan: ऊपर तस्वीर में आप जिस हॉल का नजारा देख रहे हैं, वो किसी बड़े नेता या मंत्री की बैठकी नहीं है. ना ही किसी जिले के कलेक्ट्रेट या कमिश्ननर ऑफिस है. यह एक पंचायत भवन है. जिसकी बनावट कुछ ऐसी हुई है कि इसे देखकर बड़े-बड़े अफसरों के पसीने निकल जाए. यह पंचायत भवन है राजस्थान के बाड़मेर जिले में. यूं तो बाड़मेर की गिनती राजस्थान के पिछड़े जिलों में होती है. लेकिन इस पंचायत भवन ने जयपुर, जोधपुर को भी पीछे छोड़ दिया है. इस पंचायत भवन की क्या कहानी है? यह इतना हाईटेक क्यों है? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में-
जोधपुर से लाए गुलाबी पत्थर
बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर सेड़वा पंचायत समिति की 'गुल्ले की बेरी' ग्राम पंचायत में सरपंच ने 2 करोड़ रुपए की लागत से भव्य महलनुमा पंचायत भवन बनाया है. ग्राम पंचायत के इस भवन निर्माण के लिए जोधपुर से गुलाबी पत्थर लाए गए और उनपर बारीक नकाशी का काम किया गया. वहीं भवन के आगे बड़ा गार्डन तैयार किया गया जिसमें खूबसूरत फाउंटेन फव्वारा लगाया गया.
इसके साथ ही अंदर पूरी बिल्डिंग में एयर कुल्ड सिंस्टम भी लगाया गया हैं. ग्रामीणों के बैठने के लिए वेटिंग रूम से लेकर सभी कार्यालयों में सोफे लगाए गए हैं. वहीं सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के साथ मीटिंग हॉल किसी कॉर्पोरेट ऑफिस की तर्ज पर बनाएं गए हैं.
एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं
इस दो मंजिला इमारत में ग्रामीणों के पीने के लिए फ़िल्टर पानी का पानी और खाने के लिए अल्प आहार की व्यवस्था अंदर ही की गई है. आलीशान भवन के चलते ग्राम पंचायत का स्टाफ भी हमेशा ऑफिस में उपलब्ध रहता है .ग्रामीणों को पंचायत में आने के बाद बाहर नहीं भटकना पड़े उन्हें हर सुविधा एक ही छत के नीचे मिले. इसके लिए पंचायत घर के अंदर ही फोटोकॉपी और ई-मित्र की सुविधा दी गई है.
सरकार ने दिए केवल 48 लाख रुपये
गुल्ले की बेरी ग्राम पंचायत में पंचायती राज की स्थापना से लेकर आज दिन वर्तमान सरपंच जिया देवी या उनके परिवार से कोई न कोई सदस्य सरपंच रहा हैं. ग्रामीण का भरोसा इस परिवार पर इतना है कि बिना चुनाव के ही निर्विरोध सरपंच चुनते हैं. सरपंच ने भी गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं. गांव में शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल और सड़कों की अच्छी व्यवस्था हैं. लेकिन करीब 75 साल की हो चुकी सरपंच जिया देवी ने अपने कार्यकाल को स्थाई बनाने के लिए पंचायत को बड़ी सौगात देते हुए. दो करोड़ रुपए की लागत से ग्राम पंचायत की बिल्डिंग बनाई है.
इस भवन के लिए सरकार से केवल 48 लाख रुपये की ही स्वीकृति मिली थी. ऐसे में बाकी राशि सरपंच ने अपने निजी स्तर से लगा कर यह आलीशान महल जैसा पंचायत भवन बना दिया. इस भवन को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि आज दिन तक हमने ऐसा पंचायत भवन आस-पास तो नहीं देखा. जहां एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं ग्रामीणों को मिल रही हो.
ग्रामीणों को सुविधा देने के लिए बनाया भवन
इस भवन को लेकर सरपंच जिया देवी बताती है कि ग्रामीण ने इतने साल तक उन पर और उनके परिवार पर भरोसा कर गांव का मुखिया बनाते आएं है. सड़के, टांके, आवास को घर-घर जाकर कोई नहीं देखता है. ऐसे विचार आया कि सार्वजनिक जगह पर ऐसा कुछ किया जाएं कि आने वाली पीढ़ियों के लोग उनके कार्यकाल को याद रखें. इसके साथ ही उस काम से उन्हें बेहतर सुविधा मिले. इसलिए ये भवन बनाया गया है.
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