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Hanuman Beniwal: सांसद हनुमान को स‍िर्फ नागौर में म‍िली सुरक्षा, नाराज होकर बेनीवाल ने लौटाए पीएसओ

Hanuman Beniwal: आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल को केवल नागौर जिले में सुरक्षा मुहैया करवाई गई है. अन्य जिलों में उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाएगी.  

Hanuman Beniwal: सांसद हनुमान को स‍िर्फ नागौर में म‍िली सुरक्षा, नाराज होकर बेनीवाल ने लौटाए पीएसओ
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल.

Hanuman Beniwal: इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से मिले इनपुट के आधार पर नागौर एसपी ने सांसद हनुमान बेनीवाल की सुरक्षा के लिए एक क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीम) उपलब्ध कराई है.  यह टीम केवल नागौर में उनके प्रवास के दौरान उनके साथ रहेगी. नागौर की सीमा के बाहर जाते ही उनकी सुरक्षा हटा ली गई. जब सांसद बेनीवाल नागौर से जयपुर आए तो नागौर की सीमा समाप्त होते ही सुरक्षा भी हटा दी गई.  वे शुक्रवार और शनिवार को जयपुर में रहे, लेकिन वहां उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई.  इस स्थिति से नाराज होकर सांसद बेनीवाल ने सुरक्षा में तैनात दोनों पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) को लौटा दिया. 

क्‍यूआरटी टीम क‍िया तैनात 

नागौर एसपी नारायण टोगस द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि सांसद के नागौर प्रवास के दौरान पुलिस लाइन से एक क्यूआरटी टीम को हथियारों सहित उनके निवास के सामने सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी.  इसके अलावा, कंट्रोल रूम प्रभारी को पीएसओ के समन्वय से सांसद के आवागमन और कार्यक्रमों के दौरान संबंधित थानों से एस्कॉर्ट की व्यवस्था करनी होगी. 

हनुमान ने वापस क‍िए दोनों पीएसओ 

सांसद हनुमान बेनीवाल ने सुरक्षा में लगाए गए दोनों पीएसओ को वापस भेजने के बाद कहा, "सरकार को मेरी सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है.  पहले चार सुरक्षाकर्मी, जो आधुनिक हथियारों से लैस थे, तैनात रहते थे. सरकार बदलने के बाद उनकी संख्या घटाकर दो कर दी गई.  अब इन दोनों को भी कम रेंज की पिस्टल दी गई है. मेरी सुरक्षा अब जनता करेगी. सरकार कैसी सुरक्षा दे रही है कि नागौर में जान का खतरा है, लेकिन नागौर से बाहर नहीं? अब सरकार बताए कि मुझे किससे खतरा है?"

हनुमान ने सोशल मीड‍िया पर क‍िया ट्वीट  

हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "मुझे विगत कई वर्षों से आधुनिक हथियारों से लैस चार सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए थे.  इस सरकार के आते ही उन्हें घटाकर दो कर दिया गया और उनसे भी आधुनिक हथियार लेकर सिर्फ पिस्टल जैसा साधारण हथियार दिया गया.  मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यह प्रश्न पूछते हुए दोनों सुरक्षाकर्मी वापस लौटा रहा हूं."

ब‍ेनीवाल बोले- क‍िससे जान का खतरा

उन्होंने आगे लिखा, "25 अप्रैल को राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने फोन पर मुझे जान का खतरा बताया और सुरक्षा एवं एस्कॉर्ट देने की बात कही.  मैं पिछले तीन दिनों से जयपुर में हूं, जहां मैंने सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता की और अब धरने पर हूं.  बावजूद इसके केंद्र की एजेंसियों से सुरक्षा इनपुट मिलने के बाद भी मुझे इंटेलिजेंस द्वारा आदेशित श्रेणी की सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? मुझे किससे खतरा है, यह सरकार सार्वजनिक कब करेगी?"

"मेरे ऊपर आम जनता का आशीर्वाद" 

हनुमान बेनीवाल ने लिखा, "क्या नागौर एसपी राज्य और केंद्र की इंटेलिजेंस एजेंसियों के उच्च अधिकारियों से भी बड़े हो गए हैं, जो कह रहे हैं कि केवल नागौर जिले में ही सुरक्षा दी जाएगी? मैं पूरे राजस्थान और देश के अन्य राज्यों में सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाता हूं.  मुख्यमंत्री जी, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरी सुरक्षा आपके भरोसे नहीं है.  राजस्थान के जवान और किसान मेरी रक्षा करेंगे.  अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी.  एक बार फिर कह रहा हूं कि मुझे आपकी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है.  मैं अपने दोनों सुरक्षाकर्मियों को लौटा रहा हूं.  मेरे जोश और जुनून के पीछे राजस्थान की आम जनता, गरीब और किसान का आशीर्वाद है, जो आपकी सुरक्षा व्यवस्था से कई गुना बड़ा है. "

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