Hanuman Janmotsav 2024: राजस्थान के दौसा जिले में स्थित श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) में आज हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) धूमधाम से मनाई जा रही है. इस खास अवसर पर मंदिर परिसर क्षेत्र सहित आसपास करीब 5 किलोमीटर के एरिया को रंग बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया गया है, जिसे देखने के लिए आसपास ग्रामीण क्षेत्रों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेहंदीपुर बालाजी पहुंच रहे हैं. हनुमान जन्मोत्सव के इस पावन पर्व को यादगार बनाने के लिए बालाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से अपने-अपने राम संगीतमय कथा का आयोजन भी किया गया है, जिसमें विशेषकर कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) द्वारा अपने-अपने राम कथा का वाचन किया जा रहा है.
बालाजी मंदिर में हुई महाआरती
उत्तरी भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल मेहंदीपुर बालाजी में मंगलवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ बालाजी महाराज का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस दौरान धार्मिक नगरी में विशेष सजावट के साथ हनुमान जी की बाल स्वरूप झांकियों का चित्रण किया गया है. इस भव्य अवसर पर बालाजी महाराज के दर्शन करने और कथा सुनने के लिए देश के हर कोने से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. आज दोपहर साढ़े 3 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक अपने-अपने राम कथा का संगीत के साथ कथावाचन होगा. इससे पहले हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में बालाजी मंदिर में महाआरती का आयोजन हुआ. महाआरती से पहले पीठाधीश्वर महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज और श्री श्री रविशंकर आचार्य ने बालाजी महाराज की स्वयंभू प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कराया. वहीं बालाजी महाराज की प्रतिमा का स्वर्ण श्रृंगार किया गया.
बाल रूप में स्वयं प्रकट हुए थे हनुमान
श्री बालाजी मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है. यहां लगभग हजारों वर्ष पूर्व बालाजी अपने बाल रूप में स्वयं प्रकट हुए थे. यह श्री मेहंदीपुर बालाजी के नाम से प्रसिद्ध सिद्ध और चमत्कारिक तीर्थस्थल है. माना जाता है कि इस मंदिर में आकर श्री बालाजी महाराज के दर्शन मात्र से विभिन्न मानसिक विकार, शारीरिक विकार, एवं सभी प्रकार के कष्ट स्वयं ठीक हो जाते हैं. जिसके परिणामस्वरूप, पूरे साल ही दुनिया भर से भक्त व श्रद्धालु बहुत बड़ी संख्या में यहां आते रहते हैं. श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम में बालाजी महाराज, भैरव और प्रेतराज सरकार के साथ साक्षात बाल रूप श्री मारुति नंदन विराजमान हैं. श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि समाज सेवा का एक केंद्र भी है. यहां शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण, तकनीकी आदि क्षेत्रों में कई सेवा कार्य व सहायता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. साथ ही गरीब कल्याण, महिला एवं बाल विकास और कुपोषित बच्चों के लिए भी कई कार्य किए जा रहे हैं और इस प्रकार के कार्यों को सहायता भी प्रदान की जा रही है.
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