Mewaram Jain: जोधपुर के राजीव गांधी थाना में एक युवती द्वारा बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन और 9 अन्य लोगों के खिलाफ एससी-एसटी पोक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज करवाया था. जिस पर बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन व एक अन्य आरोपी ने राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) की शरण ली, और राजस्थान हाईकोर्ट ने मेवाराम जैन व एक अन्य आरोपी को आंशिक राहत देते हुए 25 जनवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. लेकिन पुलिस इन्वेस्टिगेशन में मेवाराम जैन व एक अन्य आरोपी को जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया.
अब तक क्या हुआ
मामला दर्ज़ होने के बाद पुलिस ने भी हाई प्रोफाइल मामले को देखते हुए पहले जांच अधिकारी को बदला, बाद में पीड़िता का मेडिकल करवा कर 164 के तहत बयान करवाए. बाद में पीड़िता द्वारा इस मामले की जल्द सुनवाई करने के लिए अर्जी लगाई लेकिन उस अर्जी पर हाईकोर्ट के जज ने सुनवाई से इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़िता की अर्जी हाई कोर्ट रजिस्टार जनरल के पास पहुंची और उस मामले में आज सुनवाई होनी थी लेकिन समय अभाव के चलते सुनवाई नहीं हो पाई.
बुधवार को राजस्थान हाई कोर्ट में पीड़िता की अर्जी पर सुनवाई नहीं होने के बाद बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट जज से निवेदन कर 25 जनवरी को होने वाली सुनवाई पर सुनने का निवेदन किया. जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया, अब 25 जनवरी को पीड़िता की अर्जी और मेवाराम जैन को मिली राहत के मामले में सुनवाई होगी.
हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच में पीड़िता के पूर्व अधिवक्ता ने पक्ष अदालत में खुद को गवाह बनाने के लिए अर्जी पेश की। और दलील दी कि हाई प्रोफाइल मामला होने की वजह से पुलिस महत्वपूर्ण सबूत जो की सीडी के रूप में है नहीं ले रही है और उसे इस मामले में पीड़िता की तरफ से गवाह बना दिया जाए, लेकिन पोक्सो कोर्ट ने पीड़िता के पूर्व अधिवक्ता की दलील को अस्वीकार करते हुए खारिज कर दिया.
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