रेलवे पटरी पर काम करने वाले ट्रैकमैन को हजारों रुपयों और कई कीमती सामान के साथ लावारिस हालत में एक बैग गिरा मिला. वो चाहता तो बड़ी आसानी से सारे पैसे अपने साथ रख सकता था. लेकिन ईमानदारी की मिसाल देते हुए उसने उस बैग को उसके मालिक तक पहुंचाया. मामला राजस्थान के सीकर जिले से सामने आया है. ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले रेलवे ट्रैकमैन नंदलाल मीणा की खूब तारीफ हो रही है.
सीकर से 7 किमी दूर पटरी पर गिरा मिला था बैग
दरअसल सीकर रेलवे में कार्यरत ट्रैकमैन नंदलाल मीणा ने ट्रैक पर करीब 50 हजार रुपए सहित अन्य सामान से भरे लावारिस बैग को बैग मालिक तक वापस पहुंच कर ईमानदारी का परिचय दिया है. ट्रैकमैन को रेलवे पटरियों की जांच करते समय सीकर रेलवे स्टेशन से करीब 7 किलोमीटर दूर लावारिस हालत में रेलवे लाइन के नजदीक एक बैग पड़ा हुआ दिखाई दिया.
ट्रैकमैन ने आपीएफ को दी मामले की सूचना
जिसे ईमानदार ट्रैकमैन नंदलाल मीणा लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचा और अपने सीनियर सेक्शन इंजीनियर नवीन मिश्रा और रेलवे स्टेशन अधीक्षक बलबीर सिंह को सपोर्ट किया. रेलवे के अधिकारियों ने रेलवे पुलिस फोर्स थाने में इसकी सूचना दी. जिस पर आरपीएफ के कांस्टेबल सुभाष चंद्र और सुनील कुमार पहुंचे. पुलिस कर्मियों ने रेलवे कर्मचारियों की मौजूदगी में बैक खोलकर तलाशी ली तो उसमें 49 हजार 500 रुपए नगद, कीपैड मोबाइल, कपड़े,चांदी की अंगूठियां और बिछुड़ी सहित अन्य सामान मिला.
पलसाना के गोटी निवासी महबूब का गिर गया था बैग
इसी दौरान बैग मलिक पलसाना के गोटी निवासी महबूब पुत्र मोहनलाल भी बैग को तलाशते हुए रेलवे स्टेशन पहुंच गया. पुलिस ने बैग मलिक महबूब के बताए सामान के अनुसार यह सुनिश्चित किया कि बैग उसी का ही है. इसके बाद बैग को पूरे सामान के साथ बैग मलिक महबूब को सुपुर्द किया गया. बैग मिलने पर बैग मलिक महबूब काफी खुश नजर आया. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर मौजूद रेलवे के अधिकारियों और अन्य लोगों ने रेलवे ट्रैकमैन नंदलाल मीणा की ईमानदारी की काफी प्रशंसा की.
हरियाणा के लोहारू से लौटते समय बीच रास्ते में गिर गया था बैग
बैग मलिक महबूब ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती रात वह हरियाणा के लोहारू से अपने गांव के लिए ट्रेन में बैठकर पलसाना आ रहा था. इसी दौरान ट्रेन में भीड़ होने के कारण वह ट्रेन के डिब्बे के दरवाजे के पास ही अपने रिश्तेदार के साथ बैठा था. सीकर से पलसाना के बीच अचानक से बैग उसके हाथ से छूटकर नीचे गिर गया. सुबह वह बैग की तलाश में वापस पलसाना से ट्रेन से सीकर रेलवे स्टेशन तक आया.
सुबह में पटरी पर जाकर खोजने के बाद भी नहीं मिला था बैग
लेकिन बैग रास्ते में उसे दिखाई नहीं दिया. जब वह सीकर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा तो रेलवे कर्मचारी बैग को खोलकर उसकी तलाशी ले रहे थे. जिस पर उसने खुद का बैग होने के बारे में रेलवे कर्मचारियों को बताया. बैग में रखा सामान उसके बताए अनुसार मिलने पर जांच कर रेलवे पुलिस फोर्स और रेलवे के अधिकारियों की मौजूदगी में उसे पूरा सामान सुपुर्द किया गया. बैग मलिक महबूब ने ईमानदारी का परिचय देने वाले ट्रैकमैन नंदलाल मीणा का आभार जताया.
आरपीएफ से एएसआई ने बताई पूरी कहानी
आरपीएफ के एएसआई विनोद कुमार ने बताया कि बैग में 49 हजार 500 रुपए, एक कीपैड मोबाइल, कपड़े सहित अन्य सामान मिला. इसी दौरान पलसाना के गोवटी निवासी महबूब पुत्र मोहनलाल बिग को तलाशते हुए रेलवे स्टेशन पर आया. जिसने वह बैग खुद का होना बताया. फिर महबूब के बताए सामान के अनुसार यह सुनिश्चित हो गया कि बैग उसी का है ऐसे में बैग उसे सुपुर्द कर दिया गया है. इस दौरान स्टेशन अधीक्षक बलबीर सिंह, सीनियर सेक्शन इंजीनियर नवीन मिश्रा, सीटीआई रणजीत सिंह, आरपीएफ के कांस्टेबल सुभाष चंद्र और सुनील कुमार मौजूद रहे.
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