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राजस्थान में कौन-कौन से 45 कानून हुए खत्म, विधानसभा में पारित हुआ राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025

‘राजस्थान विधियां निरसन विधेयक, 2025’ पारित कर प्रदेश में 45 पुराने और अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर दिया गया है.

राजस्थान में कौन-कौन से 45 कानून हुए खत्म, विधानसभा में पारित हुआ राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025

Rajasthan Laws Repeal Bill 2025: राजस्थान विधानसभा में सोमवार को ‘राजस्थान विधियां निरसन विधेयक, 2025' पारित किया गया. इस विधेयक के तहत राज्य में लागू 45 पुराने और अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर दिया गया है. खत्म किये गए कानून अधिकतर पंचायतीराज विभाग से जुड़े थे, जिनका अब कोई उपयोग नहीं रह गया था. सरकार का कहना है कि इन कानूनों के निरस्त होने से प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सकेगा.

नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम निर्णय के बाद ही राजस्थान विधियां (संशोधन) विधेयक लाया गया है. इसमें किसी प्रकार के अनुचित प्रावधान नहीं रखे हैं, जिससे किसी भी प्राधिकरण की शक्तियां कम नहीं होंगी और ना ही किसी का अहित होगा. संशोधन के बाद अब राज्य सरकार सभी न्यासों व प्राधिकरणों के लिए एक समान सेवा-शर्तें व संवर्ग संख्या आदि का निर्धारण कर सकेगी. सरकार द्वारा ही कार्मिकों के लिए एक समान सेवा शर्तें, स्थानातंरण और अनुशासनात्मक कार्यवाही से सम्बंधित नियम बनाए जा सकेंगे.

कौन-कौन से कानून खत्म किए गए?

इस विधेयक के जरिए 1952 से 2021 के बीच लागू किए गए 45 कानूनों को समाप्त किया गया है. 

1952-1965 के कानून:

  • बीकानेर स्टेट डिस्ट्रिक्ट बोर्ड (अमेंडमेंट) एक्ट, 1952
  • जयपुर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड (अमेंडमेंट) एक्ट, 1952
  • जोधपुर म्यूनिसिपल अधिनियम, 1955
  • राजस्थान पंचायत समिति तथा जिला परिषद (संशोधन) अधिनियम, 1962
  • राजस्थान पंचायत अधिनियम, 1964

1966-1983 के कानून:

  • राजस्थान पंचायत विधि (संशोधन) अधिनियम, 1966
  • राजस्थान पंचायत समिति तथा जिला परिषद (संशोधन) अधिनियम, 1976
  • राजस्थान पंचायत अधिनियम, 1983

1986-2015 के कानून:

  • राजस्थान पंचायत अधिनियम, 1986
  • राजस्थान पंचायत समिति तथा जिला परिषद (संशोधन) अधिनियम, 1987
  • राजस्थान सूचना का अधिकार (निरसन) अधिनियम, 2006
  • राजस्थान पंचायतीराज (संशोधन) अधिनियम, 2015

2016-2021 के कानून:

  • राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम, 2016
  • राजस्थान पंचायतीराज (संशोधन) अधिनियम, 2018
  • राजस्थान पंचायत अधिनियम, 2019
  • राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम, 2021

विधेयक पर चर्चा के दौरान सरकार ने तर्क दिया कि ये कानून अब अप्रासंगिक हो चुके थे और प्रशासनिक कार्यों में अनावश्यक जटिलता पैदा कर रहे थे. सरकार का कहना है कि इन्हें समाप्त करने से गवर्नेंस में पारदर्शिता और सुगमता आएगी.

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