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छोटी सी बीमारी के इलाज में गलत इंजेक्शन से युवक की मौत, फरार हुआ डॉक्टर

डीग जिले में 32 वर्षीय युवक की मौत के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप  मच गया है. चिकित्सा विभाग ने कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से चल रहे क्लिनिक व अस्पतालों पर छापा मारा कार्रवाई की है.

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छोटी सी बीमारी के इलाज में गलत इंजेक्शन से युवक की मौत, फरार हुआ डॉक्टर
डीग में गलत इंजेक्शन से हुई युवक की मौत (प्रतीकात्मक फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था पर कई बार सवाल उठ चुके हैं. वहीं राज्य में कई ऐसे चिकित्सा केंद्र खोले गए हैं जो गलत हैं और फर्जी डॉक्टरों द्वारा संचालित किये जा रहे हैं. राजस्थान से कई बार झोला छाप डॉक्टरों द्वारा किए गए इलाज के बाद मरीज की जान चली गई है. ऐसा ही एक मामला डीग जिले से आया है जहां कामा कस्बे में एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किये जा रहे इलाज में 32 साल के युवकी की मौत हो गई. वहीं, इस घटना के बाद झोलाछाप डॉक्टर फरार है.

डीग जिले में 32 वर्षीय युवक की मौत के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप  मच गया है. चिकित्सा विभाग ने कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से चल रहे क्लिनिक व अस्पतालों पर छापा मारा कार्रवाई की है. जिसमें एक संजीवनी क्लिनिक नाम से चल रहे अवैध जच्चा बच्चा केंद्र पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल पर सील लगाकर कार्रवाई की.

खुजली का इलाज करा रहा था युवक

मुख्य चिकित्सा अधिकारी केडी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार शाम (27 फरवरी) को एक झोलाछाप चिकित्सक ने खुजली के उपचार कराने आए युवक को गलत इंजेक्शन लगा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. इस पर बुधवार को चिकित्सा विभाग की टीम बनाई गई और कस्बे में चल रहे अवैध क्लिनिक पर कार्रवाई की गई. जुरहरा रोड पर संजीवनी क्लिनिक नाम से एक अवैध जच्चा बच्चा केंद्र चलने की शिकायत मिली जिस पर हमने एक राजकीय कर्मचारियों को बोगस ग्राहक बनकर उपचार करने के लिए जच्चा बच्चा केंद्र पर भेज दिया. अस्पताल कर्मियों ने उस महिला को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया जिस पर कामा थाना पुलिस व चिकित्सा विभाग ने छापा मार कर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया.

अवैध जच्चा बच्चा केंद्र में चार-पांच कमरों में नो बैड व डिलीवरी रूम सहित उपचार करने के लिए काम में लेने वाले काफी उपकरण बरामद हुए हैं. कामा थाना में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. यहां और भी कस्बे में अनेक क्लीनिक खुले हैं. उन पर भी विभाग द्वारा जल्द कार्रवाई कर आम जन को राहत प्रदान की जाएगी.

बहरहाल, अगर चिकित्सा विभाग समय पर कार्रवाई करता तो एक युवक की जान बच सकती थी. ऐसे में जिले में चल रहे अवैध चिकित्सा केंद्र पर पहले से कार्रवाई नहीं करना एक बड़ा सवाल है. यह लोगों की जान के साथ खिलवाड़ भी है.

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