
Rajasthan News: राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में गिव अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहे अपात्र व्यक्ति को स्वेच्छा से नाम हटवाने के लिए प्रेरित करने हेतु राज्यभर में 'गिव अप' अभियान का सफल संचालन किया जा रहा है. राज्य में गिव अप करने के मामले में अब तक जयपुर जिला नम्बर 1 है. राजधान जयपुर में सबसे ज्यादा करीब 2 लाख लोगों ने राशन कार्ड योजना छोड़ा है.
जयपुर में 1 लाख 92 हजार 272 अपात्र व्यक्तियों ने गिव अप किया है. जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी इस अभियान के क्रियान्वयन एवं प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने जिले के नम्बर 1 रहने पर सभी जनप्रतिनिधियों, कार्मिकों, गिव अप करने वाले परिवारों को धन्यवाद देते हुए आगे भी इसी भावना के साथ कार्य करने का आव्हान किया है.
ग्राम पंचायत स्तर तक अभियान का संचालन
जिला रसद अधिकारी त्रिलोकचंद मीणा ने बताया कि जिला मुख्यालय से ग्राम पंचायत स्तर तक अभियान का संचालन किया जा रहा है. रात्रि चौपाल, जन सुनवाई, ग्राम सभा सहित समस्त सार्वजनिक कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों सहित समाज के मौजिज लोगों द्वारा सर्व साधारण को गिव अप के लिए प्रेरित किया जा रहा है. यही कारण है कि गिव अप अभियान को जयपुर जिले में आमजन का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है.
अपात्र ने स्वयं गिव अप नहीं किया तो मिला नोटिस
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार जयपुर में 1536 अपात्र व्यक्तियों को स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाने के लिए नोटिस जारी किया गया है. विभाग ने गिव अप अभियान को आगामी 31 अगस्त तक संचालित करने का फैसला किया है.
31 अगस्त तक स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जायेगी. उसके पश्चात 27 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मय ब्याज वसूली होगी. ऐसे कार्मिकों की सूचियां तैयार की जा रही हैं एवं ऐसे कार्मिकों के संबंधित विभागों को वसूली की राशि कार्मिक के मासिक वेतन से कटौती करने हेतु लिखा जाएगा.
गिव अप अभियान के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा सूची की निष्कासन श्रेणी में सम्मिलित परिवार यथा ऐसे परिवार जिनमें कोई भी एक सदस्य सरकारी, अर्द्ध सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कार्मिक है या 1 लाख रुपये वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करता है या जिसके सभी सदस्यों की कुल आय 1 लाख रुपये वार्षिक से अधिक है या निजी चौपहिया वाहन धारक या आयकरदाता हो , को प्रेरित कर खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम स्वेच्छा से पृथक करवाए जाने हेतु आवेदन करवाया जा रहा है.