विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Oct 08, 2023

Pushkar Fair 2023: 14 नंबर से होगी पुष्कर मेले की शुरुआत, पहली बार नजर आएंगे ये बड़े बदलाव

मेले को दर्शकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसमें घुड़सवारी को भी शामिल करने की तैयारी चल रही है. परिहार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की घुड़सवारी प्रतियोगिता आयोजित करने की योजना थी.

Read Time: 5 min
Pushkar Fair 2023: 14 नंबर से होगी पुष्कर मेले की शुरुआत, पहली बार नजर आएंगे ये बड़े बदलाव

Jaipur News: ऊंट पोलो और घुड़सवारी प्रतियोगिताएं इस साल के अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले (International Pushkar Fair 2023) का मुख्य आकर्षण होंगी. अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मेले में देसी बैलों की परेड भी आयोजित की जाएगी जिसके लिए मेला आयोजकों ने प्रस्ताव तैयार किया है. इस वर्ष मेला 14 से 29 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा. मेले में पहली बार ऊंट पोलो को शामिल करने का निर्णय पुष्कर में होली उत्सव के दौरान इसे मिली सफलता को देखते हुए लिया गया.

पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक (अजमेर रेंज) डॉ. नवीन परिहार ने बताया कि होली के दौरान ऊंट पोलो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था और इसे देखने के लिए पर्यटकों में उत्साह था. इसलिए पहली बार इस साल पशु मेले में ऊंट पोलो को जोड़ा गया है. परिहार ने बताया कि एक टीम में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक शामिल होंगे जबकि दूसरे में घरेलू पर्यटक और प्रशासन के लोग शामिल होंगे. मेले को दर्शकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसमें घुड़सवारी को भी शामिल करने की तैयारी चल रही है. परिहार ने बताया, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर की घुड़सवारी प्रतियोगिता आयोजित करने की योजना थी, जिसमें हॉलैंड, इंग्लैंड, दुबई और स्विटजरलैंड के घुड़सवारों को आमंत्रित किया जाना था. लेकिन, सीकर जिले में ग्लैंडर्स रोग की सूचना मिलने के बाद घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में केवल स्थानीय स्तर के घोड़ों को ही शामिल करने का निर्णय किया गया है.'

इन लोगों को आने की अनुमति नहीं

अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने घोड़ा पालकों, पशुपालकों और घोड़ों का परिवहन करने वालों के लिए दिशानिर्देश जारी कर उनसे उन राज्यों और जिलों से मेले में घोड़े नहीं लाने को कहा है जहां ग्लैंडर्स रोग के मामले पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि विभाग ने इस वर्ष मेले में विभिन्न गोवंशों की परेड आयोजित करने का भी प्रस्ताव तैयार किया है. परिहार ने बताया, 'मेले में पहली बार इस साल देशी गिर गायों और बैलों की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी. एक प्रस्ताव निदेशालय को भेजा गया है. मेले में नागौरी बैलों के भाग लेने के लिए पशुपालकों से भी संपर्क किया जा रहा है.'

इस बार नहीं होगी जाम की दिक्कत

मेले के दौरान पर्यटकों को परेशानी न हो, इसके लिए सड़कों पर विशेष इंतजाम किये गये हैं. उन्होंने कहा कि मेला शुरू होने से पहले ही दिवाली के आसपास अक्सर पशुपालक सड़कों के किनारे अवैध कब्जा कर लेते हैं, इससे सड़क पर जाम लग जाता है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस साल ऐसी स्थिति से बचने के लिए योजना बनाई गई है. पुष्कर का 15 दिवसीय मेला तीन चरणों में होता है. प्रथम चरण में पशु मेला दिवाली के दूसरे दिन शुरू होता है. इस दिन से ही पशुओं एवं पशुपालकों का आगमन प्रारम्भ हो जाता है.

पशुपालकों के बीच करोड़ों का लेनदेन

प्रशासनिक स्तर पर दूसरा चरण कार्तिक शुक्ल गोपाष्टमी से प्रारंभ होता है. इस दिन जिलाधिकारी मेला स्टेडियम में ध्वजारोहण कर मेले की औपचारिक शुरुआत करते हैं. इस दिन से खेलकूद एवं पशु प्रतियोगिताएं तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारम्भ हो जाते हैं. तीसरे और अंतिम चरण के तहत धार्मिक मेला देवउठनी एकादशी से शुरू होता है. पांच दिवसीय धार्मिक मेला कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित विशाल स्नान के साथ समाप्त होता है. पुष्कर पशु मेले में हजारों ऊंट, घोड़े और विभिन्न प्रजाति के जानवर आते हैं. पशुपालकों के बीच करोड़ों रुपये का लेन-देन होता है. लाखों श्रद्धालु पवित्र पुष्कर झील में डुबकी लगाने और क्षेत्र के मंदिरों के दर्शन करने आते हैं. प्रशासन द्वारा प्रतिभागियों के मनोरंजन के लिए कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें राजस्थानी लोक कलाकार और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार भाग लेते हैं.

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close