
Rajasthan News: राजस्थान में गहलोत राज में दिव्यांग कोटे में विधायक कोटे से स्वीकृत हुई स्कूटियां अब विवादों के घेरे में आती जा रही हैं. जयपुर ग्रामीणा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर स्कूटी दिव्यांग युवक के नाम स्वीकृत हुई, लेकिन स्कूटी स्वीकृत युवक को अभी तक नहीं दी गई. आरोप है कि दिव्यांग युवके के नाम रजिस्टर्ड स्कूटी विधायक महेंद्र पाल मीणा के घर पर खड़ी है और उसे कोई दूसरा चला रहा है. जब दिव्यांग युवक इसको लेकर एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देने पहुंचा तो एसडीएम ने ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया.
दिव्यांग युवक के नाम स्कूटी स्वीकृत
दरअसल, जयपुर ग्रामीण में जमवारामगढ़ में दिव्यांग युवक रणजीत सिंह मीणा के नाम कांग्रेस सरकार में स्कूटी स्वीकृत हुई थी. स्कूटी (RJ14 EB 4701) दिव्यांग युवक के नाम पर रजिस्टर्ड भी है. रणजीत का आरोप है कि उसके नाम से स्वीकृत स्कूटी अब तक उसे नहीं दी गई है. उसने कहा कि स्कूटी को कोई और चला रहा है. अगर स्कूटी से कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी मेरी नहीं होगी.

दिव्यांग का आरोप- विधायक के घर खड़ी स्कूटी
दिव्यांग युवक का कहना है कि उसके नाम से रजिस्टर्ड स्कूटी विधायक महेंद्र पाल मीणा के घर पर खड़ी है. उसे चला भी कोई और रहा है. युवक ने बताया कि वह जब एसडीएम कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचा तो एसडीएम ललित मीणा ने ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद युवक ने एसडीएम कार्यालय के बाहर खड़े होकर हंगामा किया, जिसका वीडियो भी वायरल है.
कांग्रेस सरकारी में 127 स्कूटी हुई स्वीकृत
एनडीटीवी ने जब एसडीएम ललित मीणा से इस बारे में पूछा तो पहले एसडीएम ने इनकार किया और बाद में उन्होंने कहा कि मैंने युवक को पहले बीडीओ से मिलने के लिए कहा था. जानकारी लेने पर पता चला कि कांग्रेस सरकार में विधायक कोटे से दिव्यांग लोगों के लिए कुल 127 स्कूटी स्वीकृत की गई थी.
जिसमें से करीब 70 के आसपास स्कूटियां बांट दी गई, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण बाकी स्कूटियों का वितरण रुक गया. इसके बाद जब राज्य में बीजेपी सरकार बनी तो विधायक महेंद्र पाल मीणा द्वारा स्कूटी वितरण किया गया. जिसके बाद अब यह विवाद सामने आया है.
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